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संसद की कार्यवाही बाधित, खाद्य सुरक्षा बिल लटका

नयी दिल्ली : संसद में जारी हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी, वहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. भाजपा नेता रविशंकर ने कहा कि जब तक रेल मंत्री और कानून मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे, संसद नहीं […]

नयी दिल्ली : संसद में जारी हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी, वहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

भाजपा नेता रविशंकर ने कहा कि जब तक रेल मंत्री और कानून मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे, संसद नहीं चलेगी और कोई बिल पास नहीं होगा.वहीं कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर संसद नहीं चलने दे रही है, लेकिन जब कल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम आयेंगे, तो स्पष्ट हो जायेगा कि जनता किसे भ्रष्ट मानती है.

दोपहर बारह बजे जब सदन की कार्यवाही दुबारा शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

वहीं लोकसभा में दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर से शुरु होने पर भी यही नजारा रहा और हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति फ्रांसिस्को सारदिन्हा ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. हंगामा जारी रहने पर उन्होंने बैठक कुछ ही देर बाद एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी.सदन में जारी इस हंगामे के कारण खाद्य सुरक्षा बिल लटक गया है.

संसद की कार्यवाही शुरू होते ही रेल मंत्री और कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके कारण दोनों ही सदनों की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

कोयला ब्लॉक आवंटन मामले पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ी भाजपा और 1984 के सिख विरोधी दंगों की एसआईटी से जांच कराने की अकाली दल की मांग तथा सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की सपा की मांग एवं कुछ अन्य मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी.

सुबह सदन की कार्रवाई शुरु होते ही अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन को पूर्व सदस्य चंद्रमणि त्रिपाठी के निधन की जानकारी दी और सदस्यों ने कुछ पल मौन रखकर श्रद्धांजलि व्यक्त की. इसके तुरंत बाद भाजपा सदस्य कोयला ब्लॉक आवंटन और कथित रेलवे रिश्वत मामले को लेकर प्रधानमंत्री और रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग पर नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गये.

अकाली दल के सदस्य साल 1984 के सिख विरोधी दंगों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एसआईटी से जांच कराने की मांग को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप आ कर नारेबाजी करने लगे. बीजद और अन्नाद्रमुक सदस्य भी अपने स्थानों खड़े थे.

इस बीच, सपा सदस्य सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और नारेबाजी करने लगे.

अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया और प्रश्न पूछने के लिए एक सदस्य का नाम भी पुकारा लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए.

हंगामा और नारेबाजी थमती नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी.

बीजेपी ने सोमवार को ही यह घोषणा कर दी थी कि वह सदन में किसी भी बिल पर चर्चा तब तक नहीं होने देगी, जब तक दोनों मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे.
इधर रेल मंत्री पवन बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग को नकार चुकी सरकार के तेवर कड़े हो गए हैं. सोमवार को लोकसभा में खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा के दौरान खुद सोनिया गांधी सक्रिय थीं और उनका रुख भी सख्त था.

उनके तेवरों से लग रहा था कि यदि विपक्ष अपनी दादागिरी से सदन चलने नहीं देगा तो सरकार भी अपना काम दादागिरी से करेगी. बिल पर चर्चा के दौरान हंगामे में सोनिया गांधी ने इस बात के संकेत दिए कि विपक्ष के बहस में हिस्सा न लेने के बावजूद बिल पारित होकर रहेगा.

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