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भीषण त्रासदी के बावजूद केदारनाथ मंदिर को कोई बडा नुकसान नहीं : आइआइटी टीम
नयी दिल्ली : वर्ष 2013 में आयी भीषण बाढ से प्रभावित प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर की हालत ठीक है और इसकी नींव को नुकसान नहीं पहुंचा है. चेन्नई की आइआइटी विशेषज्ञों की टीम के एक विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी है. बाढ के कारण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मंदिर की नींव की स्थिति का अध्ययन […]
नयी दिल्ली : वर्ष 2013 में आयी भीषण बाढ से प्रभावित प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर की हालत ठीक है और इसकी नींव को नुकसान नहीं पहुंचा है. चेन्नई की आइआइटी विशेषज्ञों की टीम के एक विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी है.
बाढ के कारण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मंदिर की नींव की स्थिति का अध्ययन करने की जिम्मेदारी उठाने वाले विशेषज्ञ इस नतीजे पर भी पहुंचे हैं कि मंदिर को कोई बडा खतरा नहीं है. एएसआई अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.
एएसआई अधिकारी ने बताया, आइआइटी मद्रास के विशेषज्ञों ने इस अध्ययन के लिए तीन बार मंदिर का दौरा किया. उन्होंने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें कहा गया है कि मंदिर स्थिर है और कोई बडा नुकसान नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि टीम ने पाया है कि मंदिर की नींव को नुकसान नहीं पहुंचा है.
एएसआई को जून 2013 में उत्तराखंड में आयी भीषण बाढ में बुरी तरह प्रभावित हुए केदारनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का काम सौंपा गया था. इस बाढ में राज्य सरकार के अनुमान के अनुसार 5700 लोग मारे गए थे. एएसआई जीर्णोद्धार कार्य के तहत मंदिर के पत्थरों को लगाने और मंडप के भीतर लकडी का फर्श लगाने आदि के कार्य में शामिल है.
अधिकारियों के अनुसार, ढांचे, नींव और दीवारों की हालत का अंदाजा लगाने के लिए आइआइटी विशेषज्ञों द्वारा मंदिर के ढांचे को किसी प्रकार की बाधा पहुंचाए बिना गैर क्षति परीक्षण उपकरणों का इस्तेमाल किया गया.
मंदिर के ढांचे की चट्टानी सतह पर कुछ जमाव देखे जाने का जिक्र करते हुए एएसआई अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार का जमाव सदियों पहले मंदिर के निर्माण के दौरान हुआ था.
उन्होंने बताया, यह जमाव ताजा बाढ के कारण नहीं हुआ है बल्कि यह उस समय हुआ जब ढांचे का निर्माण किया गया होगा. इस प्रकार के जमाव निर्माण के शुरुआत चरण के दौरान आमतौर पर होते हैं. श्री बद्रीनाथ-श्री केदारनाथ मंदिर समिति की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 8वीं सदी में निर्मित केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे प्रमुख है. एएसआई अधिकारी ने बताया कि उन्हें आइआइटी मद्रास विशेषज्ञ टीम से अंतिम रिपोर्ट जल्द ही मिलने की उम्मीद है.
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