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गुलबर्ग: ‘भीड ने नरसंहार किया क्योंकि शीर्ष पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई में देरी की’
अहमदाबाद : एक विशेष अदालत को आज यहां बताया गया कि शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने जानबूझकर समय रहते भीड को काबू करने के लिए कार्रवाई नहीं की जिसके कारण भीड ने 2002 दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में अल्पसंख्यक समुदाय के 69 लोगों की हत्या कर दी. घटना में जिंदा बचे लोगों की ओर से […]
अहमदाबाद : एक विशेष अदालत को आज यहां बताया गया कि शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने जानबूझकर समय रहते भीड को काबू करने के लिए कार्रवाई नहीं की जिसके कारण भीड ने 2002 दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में अल्पसंख्यक समुदाय के 69 लोगों की हत्या कर दी.
घटना में जिंदा बचे लोगों की ओर से पेश अधिवक्ता एसएम वोरा ने विशेष अदालत के न्यायाधीश पी बी देसाई से कहा कि शहर के तत्कालीन पुलिस आयुक्त पीसी पांडेय, पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त एमके टंडन, पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त पीबी गोंडिया और तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त :अपराध शाखा: एसएस चूडासमा सहित अधिकारियों ने 28 फरवरी 2002 को घटना वाले दिन भीड पर नियंत्रण के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की. वोरा ‘‘ड्यूटी में लापरवाही’’ के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अभियोग की मांग वाली याचिका पर अपनी दलीलें पेश कर रहे थे.
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