नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक में भीषण अग्निकांड की शुरुआती जांच से पता चला है कि पनडुब्बी में विस्फोट गोला बारुद में संभवत: आग लगने के कारण हुआ लेकिन आग लगने की असली वजह का अभी पता लगाया जाना बाकी है.रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज लोकसभा में इस हादसे को लेकर दिये एक बयान में कहा, ‘‘शुरुआती जांच दर्शाती है कि विस्फोट, शस्त्रस्त्र में संभावित आग लगने के कारण हुआ तथापि आग लगने के कारण का अभी पता लगाया जाना है. दृश्य और फोरेंसिक जांच से आग लगने का संभावित कारण ज्यादा स्पष्ट हो सकेगा जो पनडुब्बी के सतह पर आने और इसमें से पानी निकाले जाने के बाद ही संभव होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्घटना के संभावित कारणों का शीघ्रातिशीघ्र पता लगाने हेतु सभी संबद्ध विशेषज्ञों के साथ एक जांच बोर्ड का गठन किया गया है.’’
रक्षामंत्री ने कहा कि हादसे के समय पनडुब्बी के अंदर तीन अधिकारी और 15 नौसैनिक थे. विस्फोट और उसके कारण नुकसान इतनी तेजी से हुआ कि ये नौसना कर्मी वहां से बच कर नहीं निकल सके. उन्होंने कहा कि बचाव कार्य में विशेषज्ञता रखने वाली विश्व की जानी मानी व्यावसायिक एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रुस से भी सहायता का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जहां इस पनडुब्बी को ‘रीफिट’ किया गया और इसका उन्नयन कार्य हुआ था.एंटनी ने कहा, ‘‘प्रारंभिक आकलन दर्शाता है कि पनडुब्बी के अगले भाग में, जहां शस्त्रस्त्र रखे हुए थे, एक आंतरिक विस्फोट हुआ, जिसके परिणामस्वरुप साथ ही साथ और विस्फोट हुए और आईएनएस सिंधुरक्षक में भीषण आग लग गयी.’’उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना में कार्यरत सभी पनडुब्बियों पर शस्त्रस्त्र संबंधी सुरक्षा प्रणालियों की गहन जांच और मानक परिचालन प्रक्रियाओं का परीक्षण किये जाने के आदेश दिये गए हैं.
रक्षामंत्री ने कहा कि पनडुब्बी फिलहाल तलहटी में है और यह उस जेट्टी के बिल्कुल के पास पानी में आंशिक रुप से डूबी हुई है. उन्होंने कहा कि लापता नौसैनिकों को ढूंढने, क्षति का आकलन, रिसाव को रोकने तथा पानी निकालने के लिए गोताखोर दिन रात एक किये हुए हैं.उन्होंने कहा कि नौसेना के गोताखोर पनडुब्बी में घुसने में सफल हो गए हैं. एंटनी ने कहा कि कंपार्टमेंटों में भारी क्षति और पानी भर जाने के साथ साथ मलबे तथा ढांचे में हुई टूट फूट के कारण आ रही बाधाओं के चलते गोताखोर पनडुब्बी के कुछ हिस्सों तक ही पहुंच पाए हैं. उन्होंने कहा हालांकि पनडुब्बी के अंदर का जलस्तर कम होता दिखाई नहीं पड़ रहा है. उच्च दाब वायु छोड़ते हुए पानी घुसने के संभावित क्षेत्रों का पता लगाने के लिए भी प्रयास किए गए हैं. इससे पनडुब्बी के पेंदे के अग्र भाग में जलरोधी कवच में दरार पड़ जाने का पता चलता है.’ रक्षा मंत्री ने दुर्घटना से जान की हानि पर दुख प्रकट किया और 18 नौसेनाकर्मियों के परिवारों को हर प्रकार के मदद का अश्वासन दिया.