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सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ कड़े कानून की जरुरत: रालोद

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने उत्तर प्रदेश तथा देश के कुछ हिस्सों में हुए हालिया सांप्रदायिक दंगों के मद्देनजर सांप्रदायकि हिंसा विरोधी विधेयक का समर्थन करते हुए कहा है कि इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए कड़े कानून की जरुरत है.रालोद महासचिव जयंत चौधरी ने आज उर्दू पत्रकारों के साथ बातचीत […]

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने उत्तर प्रदेश तथा देश के कुछ हिस्सों में हुए हालिया सांप्रदायिक दंगों के मद्देनजर सांप्रदायकि हिंसा विरोधी विधेयक का समर्थन करते हुए कहा है कि इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए कड़े कानून की जरुरत है.रालोद महासचिव जयंत चौधरी ने आज उर्दू पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश और देश के कुछ दूसरे हिस्सों में जिस तरह से सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं, उनको देखते हुए कड़े कानून की जरुरत है. अगर संसद में सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक लाया जाता है तो हम इसका समर्थन करेंगे.’’

उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की ओर से तैयार सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक लाया गया था, लेकिन मुख्य विपक्षी भाजपा और कुछ अन्य दलों के विरोध के बाद यह विधेयक ठंडे बस्ते में चला गया. भाजपा ने इसे ‘बहुसंख्यक विरोधी’ विधेयक करार दिया था. चौधरी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा और सपा मिलकर सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रहे हैं ताकि ध्रुवीकरण के जरिए राजनीतिक लाभ लिया जा सके. उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक तथा पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण की भी पैरवी की.

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