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संसद में पस्ताव से हल नहीं, दुश्मनों को मजबूती

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने आज कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान की नेशनल एसेम्बली के प्रस्ताव के खिलाफ संसद द्वारा प्रस्ताव पारित करने से कोई उद्देश्य हासिल नहीं होगा बल्कि इससे सीमा पार भारत के ‘दुश्मनों’ को ही ताकत मिलेगी.फारुक ने कहा कि पाकिस्तान के साथ […]

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने आज कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान की नेशनल एसेम्बली के प्रस्ताव के खिलाफ संसद द्वारा प्रस्ताव पारित करने से कोई उद्देश्य हासिल नहीं होगा बल्कि इससे सीमा पार भारत के ‘दुश्मनों’ को ही ताकत मिलेगी.फारुक ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किये जाने चाहिए.

उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद में प्रस्ताव लाने से कोई उद्देश्य हल नहीं होगा बल्कि यह सीमा पार बैठे दुश्मनों के हाथ मजबूत करेगा.’’ गौरतलब है कि पाकिस्तान की नेशनल एसेम्बली में कल पारित एक प्रस्ताव में भारतीय सैनिकों पर नियंत्रण रेखा पर बिना किसी उकसावे के गोलीबारी करने का आरोप लगाया गया और कश्मीरी लोगों के ‘संघर्ष’ के प्रति समर्थन व्यक्त किया गया था. फारुक ने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत जारी रहनी चाहिए अन्यथा इससे आतंकवादियों के हाथ मजबूत होंगे. यदि आप आतंकियों के हाथ मजबूत करना चाहते हैं तो बातचीत मत कीजिए.

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ हमें समस्या है और आप युद्ध से इस समस्या का हल नहीं निकाल सकते. तो फिर आप समाधान कैसे निकालेंगे? बातचीत से. आपको बातचीत के लिए माहौल तलाशना होगा.’’ फारुक ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की अपनी समस्याएं हैं और भारत की अपनी. हम कश्मीर छोडना नहीं चाहते हैं. वे (पाकिस्तान) भी कश्मीर नहीं छोडना चाहते. तो फिर आप समाधान कैसे खोजेंगे ? समाधान का एक ही रास्ता है, बातचीत.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत की सरकार और जनता से कह रहा हूं कि हमें पाकिस्तान के साथ बातचीत के रास्ते खोजने हैं. बातचीत के बिना हम अपनी समस्याएं नहीं हल कर पाएंगे. मुझे सदन के प्रस्ताव से कोई लेना देना नहीं है. मैं एक भारतीय के रुप में बात कर रहा हूं.’’ फारुक ने जोर देकर कहा, ‘‘समाधान निकालना होगा, जो केवल वार्ता के जरिए ही खोजा जा सकता है. चाहे आज हो, कल हो या फिर एक साल बाद, आपको वार्ता करनी है.’’

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