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दिल्ली गैंगरेप मामला : जानिए मौत के बाद भी कैसे चर्चा में आ गयी ”निर्भया”

नयी दिल्ली : दिल्ली गैंगरेप का मामला एक बार फिर चर्चे में है लेकिन इस बार निर्भया के कारण नहीं बल्कि गैगरेप के आरोपी के जेल के अंदर साक्षात्कार के कारण. जहां एक ओर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं वहीं दूसरी ओर पीडिता के परिवार ने इस मामले […]

नयी दिल्ली : दिल्ली गैंगरेप का मामला एक बार फिर चर्चे में है लेकिन इस बार निर्भया के कारण नहीं बल्कि गैगरेप के आरोपी के जेल के अंदर साक्षात्कार के कारण. जहां एक ओर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं वहीं दूसरी ओर पीडिता के परिवार ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की बात की है.ब्रिटेन की एक फिल्म निर्माता द्वारा 16 दिसम्बर को हुए सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी के साक्षात्कार को लेकर मंगलवार को खासा विवाद उत्पन्न हो गया. इसके साथ ही सरकार ने मामले में कडा रुख अपनाते हुए तिहाड जेल के अधिकारियों से जवाब-तलब किया है. वहीं दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है और मीडिया को साक्षात्कार का प्रसारण करने से रोकने के लिए अदालत का आदेश भी हासिल कर लिया है. साक्षात्कार में दिखाया गया है कि दोषी को सामूहिक बलात्कार जैसे दुष्कर्म पर कोई पूछतावा नहीं है.

16 दिसम्बर 2012 सामूहिक बलात्कार की पीडिता के माता-पिता ने मुकेश सिंह द्वारा साक्षात्कार में की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है जिसमें दोषी ने भयावह घटना के लिए उनकी बेटी को जिम्मेदार बताया है. अभिभावकों ने इसे शर्मनाक बताया और उसे फांसी पर लटकाने की मांग की. बयान के संबंध में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिसमें किसी के नाम का उल्लेख नहीं है. दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने कहा, ‘‘हमने खबरों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है और जांच करेंगे तथा जो भी दोषी पाया गया, उनके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे.’’ बाद में शाम को दिल्ली पुलिस ने यहां पटियाला हाउस में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुनीत पहवा से अनुरोध किया और दोषी के विवादित इंटरव्यू का अगले आदेश तक प्रसारण, प्रकाशन करने से मीडिया को रोकने का आदेश हासिल किया। यह जानकारी पुलिस प्रवक्ता राजन भगत ने दी.

फिल्म निर्माता लेस्ली उडविन ने कहा कि फिल्म में उन्होंने महिलाओं के प्रति पुरुषों के नजरिये का रुख देखने का प्रयास किया है और इसमें कुछ भी सनसनीखेज नहीं है. उडविन ने दावा किया कि बीबीसी के लिए जेल में मुकेश का साक्षात्कार करने से पहले उन्होंने तिहाड जेल की तत्कालीन महानिदेशक विमला मेहरा से अनुमति ली थी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हिरासत में दोषी के साक्षात्कार की घटना को काफी ‘‘गंभीर’’ मानते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने तिहाड जेल के महानिदेशक आलोक कुमार वर्मा से बात की और इस पर तुरंत विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा. सूत्रों ने कहा कि टेलीफोन पर हुई वार्ता के दौरान जेल महानिदेशक ने गृह मंत्री को घटना और अब तक की गई कार्रवाई के बारे में बताया. 16 दिसंबर 2012 को 23 वर्षीय लडकी से जघन्य बलात्कार और हत्या मामले में दोषी मुकेश ने साक्षात्कार में कहा कि रात में बाहर निकलने वाली महिलाएं अगर दुराचारी पुरुषों के गिरोह का ध्यान आकर्षित करती हैं तो इसके लिए वे खुद ही जिम्मेदार हैं. उसने कहा, ‘‘बलात्कार के लिए लडके से कहीं ज्यादा लडकी जिम्मेदार है.’’

मुकेश को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. उसने यह भी कहा कि अगर लडकी और उसके दोस्त ने प्रतिरोध नहीं किया होता तो गिरोह ने उसे गहरे जख्म नहीं दिए होते, जिस कारण बाद में उसकी मौत हो गई. हत्या को ‘‘दुर्घटना’’ करार देते हुए उसने कहा था, ‘‘जब लडकी से बलात्कार हो रहा था तो उसे प्रतिरोध नहीं करना चाहिए था. उसे चुप रहना चाहिए था और बलात्कार होने देना चाहिए था. उसके बाद वे उसे कहीं उतार देते और लडके की केवल पिटाई करते.’’ उडविन ने दावा किया कि ‘इंडियाज डॉटर’ नाम की इस डॉक्यूमेंटरी में दिल्ली सामूहिक बलात्कार घटना की कहानी को दोषियों और पीडिता के अभिभावकों के नजरिये से पेश किया गया है. फिल्म निर्माता ने लोगों से अपील की कि फिल्म के बारे में कोई पूर्व धारणा नहीं बनाएं जिसका आठ मार्च को भारत में एनडीटीवी पर प्रीमियर होगा.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘फिल्म के अंत में पूरी दुनिया के आंकडे को एक-एक देश के हिसाब से पेश किया गया है. बलात्कार भारत की ही समस्या नहीं है. यह वैश्विक समस्या है.’’ तिहाड जेल में मुकेश के साक्षात्कार को अनुमति देने को लेकर छिडे विवाद पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तिहाड के महानिदेशक को पत्र लिखा था। तिहाड के महानिदेशक को गृह मंत्रलय से सलाह करनी पडी. पत्र में लिखा था कि यह एक अभियान से जुडी फिल्म है. मैंने मई 2013 में अनुमति के लिए आवेदन दिया था और दो हफ्ते में मुङो अनुमति मिल गई.’’ 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी की छात्र की मां ने आज ‘भाषा’ को टेलीफोन पर बताया कि उनकी बेटी के गुनहगार मुकेश का बयान बेहद शर्मनाक और कानून का मजाक उडाने वाला है. यह कानूनी प्रक्रिया के लचीलेपन का नतीजा है कि जेल में बंद होने के बाद भी मुजरिम अपनी घिनौनी हरकत को उचित ठहराने की कोशिश कर रहा है.

उन्होंने कहा कि अगर आरोपियों को मिली सजा पर जल्द अमल हो जाता तो मुकेश ऐसी बात कहने की हिम्मत नहीं कर पाता. साथ ही, लडकियों तथा महिलाओं के साथ होने वाली खौफनाक घटनाओं पर भी रोक लगाने में मदद मिलती. पीडिता के पिता ने भी मुकेश के बयान का विरोध किया और कहा कि उसने न केवल उनकी बेटी पर सवाल उठाया है बल्कि पूरे समाज पर सवाल खडा किया है.

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