नयी दिल्ली : लोकसभा में आज एक सदस्य द्वारा मोरपंखी स्वर्ण मुकुट पहने , गले में पितांबर डाले और होंठों पर बांसुरी लगाकर आसन के चारों ओर घूम घूमकर अति नाटकीय अंदाज में अपनी मांग के प्रति सदन का ध्यान आकर्षित करने के रवैये की लोकसभा उपाध्यक्ष ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह सदन की गरिमा के अनुरुप नहीं है.
विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण कई बार के स्थगन के बाद दो बजे सदन की कार्यवाही शुरु होने पर उपाध्यक्ष कडि़या मुंडा ने कहा कि कई सदस्यों का आचरण सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है. उन्होंने कहा कि सदन में किसी सदस्य द्वारा बैनर दिखाना, किसी का नारे लगाना , तो किसी अन्य का नाटकीय वेशभूषा पहन कर और बांसुरी लेकर आना अशोभनीय है और सदन की गरिमा के अनुरुप नहीं है.
उन्होंने कहा कि वह सदस्यों के इस तरह के आचरण की कड़ी निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में वे इस तरह के आचरण से बाज आयेंगे.गौरतलब है कि एकीकृत आंध्र की मांग को लेकर पिछले सप्ताह भर से आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे तेदेपा के एक सदस्य डॉ नारामल्ली सिवप्रसाद आज 12 बजे सदन की बैठक शुरु होने पर अजीबोगरीब वेशभूषा में सदन में आये और उसी अंदाज में आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे. यही नहीं , वह होंठों से बांसुरी लगाये आसन के दोनों तरफ सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर भी घूमते रहे