नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पीपी पांडेय को गिरफ्तारी से बचने के लिए आज अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, लेकिन 12 अगस्त को उनके आग्रह पर सुनवाई करने पर सहमति जताई.
प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजना देसाई ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पांडेय की अपील पर सुनवाई करने की सहमति जतायी.
पांडेय की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जसपाल सिंह ने आग्रह किया किया कि उनके मुवक्किल को सोमवार तक अंतरिम राहत प्रदान की जाए, लेकिन पीठ ने उनके इस आग्रह को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह मामले पर 12 अगस्त को सुनवाई करेगी.
सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने से बचने के लिए पांडेय को कल उच्च न्यायालय ने और राहत देने से इनकार कर दिया था. सुनवाई अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी इस आधार खारिज कर दी थी कि मामले में जांच लंबित है और यह महत्वपूर्ण मोड़ पर है.
सुनवाई अदालत ने कल पांडेय के व्यक्तिगत पेशी से छूट के आग्रह को भी खारिज कर दिया था और उनके अदालत में पेश न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
पांडेय, जिन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था, शीर्ष अदालत के निर्देश पर 29 जुलाई को अहमदाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए थे.
शीर्ष अदालत ने 26 जुलाई को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पांडेय को निर्देश दिया था कि वह 29 जुलाई को सुनवाई अदालत के समक्ष पेश हों और तब तक के लिए सीबीआई को उनकी गिरफ्तारी से रोक दिया था.