जबलपुर : मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार व आबकारी आयुक्त को नोटिस जारी किया. जनहित याचिका में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष की आबकारी नीति को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें मध्य प्रदेश के आबकारी कानून का उल्लंघन किया गया है.
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता द्वारा भेजी गई शिकायतों पर अधिकारियों से कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्यभर में नकली शराब की बिक्री की जा रही है. जनहित याचिका में कहा गया है कि नयी नीति में आपत्तिजनक स्थानों पर शराब की दुकान खोलने पर कोई अंकुश नहीं है.
इसमें कहा गया है कि नई आबकारी नीति किसी सलाहकार समिति की अनुपस्थिति में तैयार की गई है जबकि इस तरह की समिति की ऐसे किसी फैसले में अनिवार्य भूमिका होती है. यह याचिका उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष पी जी नाजपांडे ने दायर की है. उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस बारे में मध्य प्रदेश सरकार व आबकारी आयुक्त से 27 फरवरी तक जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई नौ मार्च को होगी.