कोलकाता: सात वर्षीय मेहुल चौधरी के माता-पिता सकते में आ गए जब उन्हें पता चला कि बच्चों का यौन शोषण करने वाला(पीडोफाइल)एक व्यक्ति उनके बेटे के पीछे पड़ा है और उनके इकलौते बच्चे के साथ र्दुव्यवहार कर रहा है.
दूसरे माता-पिता के तरह उन्होंने गुस्से में मेहुल का इंटरनेट उपयोग करना बंद करा दिया. बाद में उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट पिता को एक नई मजेदार, शिक्षाप्रद सोशल नेटवर्किंग साइट का पता लगा जो बच्चों की सुरक्षा और निजता की गारंटी देता है.अप्रैल में पेश होने के बाद से वल्र्डू डाट काम से 20,000 बच्चे जुड़ चुके हैं. यह छह से 12 साल के बच्चों के लिए है.
वल्र्डू डाट काम के प्रमुख(अनुभव और ब्रांड)हर्षवर्धन दवे ने कहा कि बच्चों के शोषण के बढ़ते मामले के कारण इस वेबसाइट पर बहुत तरह की सुरक्षा प्रणाली है.उन्होंने बताया कि इस वेबसाइट पर चैट और बच्चों की गतिविधियों पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाती है और साथ ही वेबसाइट बच्चों को तस्वीरें एव निजी सूचना डालने से रोकती है. दवे ने कहा, ‘‘ यह रोकथाम इसलिए की गई है ताकि बच्चे टेलीफोन नंबर व पते जैसी व्यक्तिगत सूचना किसी भी रुप में न डाल सकें और बच्चों की निजता की सुरक्षा हो सके.’’उल्लेखनीय है कि फेसबुक या गूगल के आकरुट जैसी वेबसाइटों का उपयोग करने के लिए बच्चे अक्सर अपनी उम्र बढ़ाकर दिखाते हैं.