अहमदाबाद : वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में नरेंद्र मोदी सरकार के प्रदर्शन पर निशाना साधने के लिए आज प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन तथा जगदीश भगवती के सुझाए विकास मॉडलों का सहारा लिया और वृद्धि के जुनून को गरीबों के लिए सहानुभूति के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया.
चिदंबरम ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, जहां तक वृद्धि का सवाल है, मुझे लगता है कि हमें भगवती और सेन, दोनों मॉडल की जरुरत है. उन्होंने कहा, वृद्धि के जुनून को गरीबों की सहानुभूति से जोड़े बिना भारत कभी भी वास्तव में प्रसन्न, संपन्न देश नहीं बन सकता. देश का एक बड़ा हिस्सा गरीब है.
वृद्धि के लिए सेन का मॉडल कहता है कि भारत को अपने सामाजिक बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश करना चाहिए जबकि भगवती द्वारा समर्थित माडल का तर्क है कि वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने से सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं में निवेश के लिए पर्याप्त संसाधन जुट जाएंगे.
भगवती तथा सेन जैसे प्रख्यात अर्थशास्त्रियों द्वारा सुझाए गये आर्थिक माडलों को लेकर वृद्धि तथा समानता पर इन दिनों बड़ी गंभीर बहस चल रही है. चिदंबरम ने कहा, मैं जानता हूं कि राजनीति में वैकल्पिक विमर्श हैं और राजनीति इसी तरह होनी चाहिए.