नई दिल्ली: बिहार में मनरेगा की दिहाड़ी और न्यूनतम वेतन दर में समानता लाने की राज्य सरकार की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आज आश्वासन दिया. सरकार के इस फैसले को जदयू: और कांग्रेस के बीच बढ़ती नजदीकी का एक और संकेत के रूप में देखा जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने यहां कहा, मैं निश्चित तौर पर कुमार की संवेदना एवं चिंताएं समझ सकता हूं. मुझे नीतीश कुमार से सहानुभूति है क्योंकि बिहार में न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत न्यूनतम वेतन प्रतिदिन 162 रुपए है जबकि मनरेगा की दिहाड़ी 138 रुपए है. कुमार ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था और उनसे अनुरोध किया था कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को सलाह दे कि बिहार में मनरेगा दिहाड़ी न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अनुच्छेद तीन के तहत राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित वेतन दर के अनुसार हो और मंत्रालय पारिश्रमिक पर कुल व्यय के लिए संसाधन दे. रमेश ने कहा कि मनरेगा दिहाड़ी आंध्रप्रदेश, बिहार, झारखंड, केरल, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम समेत कई राज्यों में न्यूनतम वेतन दर से कम है और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून के अनुच्छेद 6:1: में संशोधन ही इसका स्थायी हल है.
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सरकार मनरेगा दिहाड़ी और न्यूनतम वेतन हो सकता है समान –जयराम नरेश
नई दिल्ली: बिहार में मनरेगा की दिहाड़ी और न्यूनतम वेतन दर में समानता लाने की राज्य सरकार की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आज आश्वासन दिया. सरकार के इस फैसले को जदयू: और कांग्रेस के बीच बढ़ती नजदीकी का एक और संकेत के रूप में देखा जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार […]
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