नई दिल्ली : रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज यहां कहा कि भारत और चीन के बीच की विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी )के पास दोनों देशों की सेनाओं के बीच आमने-सामने की शर्मनाक स्थिति को रोकने के लिए दोनों देश एक प्रभावी तंत्र विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं.दौलत बेग ओल्डी के देप्सांग घाटी में दोनों पक्षों के बीच 21 दिनों तक चले गतिरोध को असामान्य घटना करार देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दोनों देश जल्द ही बीजिंग में मुलाकात करेंगे और इस तरह की अप्रिय घटनाओं का हल ढूढ़ने का प्रयास करेंगे.
कारगिल विजय दिवस की 14वीं वर्षगांठ पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, सीमा विवाद के पूरी तरह सुलझ जाने तक इस तरह की छिटपुट घटनाओं को रोकने के लिए हम एक प्रभावी तंत्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं. एलएसी में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जो विवादित हैं और दोनों ही पक्ष उसकी निगरानी करते हैं. इसलिए कभी कभार दोनों के बीच आमने सामने के हालात पैदा हो जाते हैं.
रक्षा मंत्री से उत्तर पूर्वी सेक्टर और लद्दाख में एलएसी से सटे भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की बढ़ती घुसपैठ की घटनाओं पर सवाल किया गया था.एंटनी ने कहा कि वहां कुछ विवादित क्षेत्र हैं जहां दोनों ही सेनाएं जाती हैं, जिससे कुछ एक बार इस तरह की स्थितियां पैदा हो जाती है.उन्होंने कहा कि अप्रैल में देप्सांग की घटना के बाद भारत और चीन ने ‘स्वतंत्र और खुलकर बात की है और हम सीमा कर्मियों की अधिक बैठकें कराने और इस तरह की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए एक प्रभावी तंत्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं.