बेंगलूर : वातावरण में ध्वनियों को समझने की नव-विकसित प्रणाली के साथ भारत के अत्याधुनिक मौसम सूचना संबंधी उपग्रह इनसेट-3डी का प्रक्षेपण कल सुबह फ्रेंच गुयाना के कोरु से एरियनस्पेस द्वारा किया जाएगा.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘इनसेट-3डी आवश्यक रुप से मौसम विज्ञान संबंधी अनुप्रयोगों के लिए है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इनसेट-3डी इन मायनों में एक आधुनिक उपग्रह है कि इसमें बेहतर आकाशीय रिजॉल्यूशन के साथ इमेजिंग प्रणाली है. नया पेलोड 19-चैनल साउंडर है जो वातावरण में अलग अलग स्तरों पर सूचना दे सकता है. यह नई बात है.’’
यूरोपीय अंतरिक्ष संघ एरियनस्पेस के एरियन 5 रॉकेट से अल्फासेट और इनसेट-3डी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा.लांच विंडो दिन में 1:23 बजे खुलेगी और दोपहर के 2:41 बजे तक जारी रहेगी. अल्फासेट अभी तक का बना यूरोप का सबसे बड़ा दूरसंचार उपग्रह है. इनसेट-3डी को मौसम संबंधी जानकारी देने के लिए तथा जमीनी और समुद्री सतहों की निगरानी के लिए तैयार किया गया है. उपग्रह में छह-चैनल का एक इमेजर, एक डाटा रिले ट्रांसपोंडर और एक पेलोड भी है. अंतरिक्ष विभाग के सचिव राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘डीआरटी अनेक जगहों-जमीन और समुद्र से मौसम संबंधी मानदंडों के आधार पर डाटा एकत्रित करेगा.’’
उपग्रह ‘कल्पना’ और ‘इनसेट-3ए’ पिछले एक दशक से क्रमश: 74 अंश पूर्व और 93.5 अंश पूर्व पर भूस्थैतिक कक्षा में सक्रिय हैं.इनसेट-3डी अपनी वातावरण संबंधी ध्वनि प्रणाली के माध्यम से मौसम पर निगरानी में नये आयाम जोड़ता है जो वातावरण की सतह से शीर्ष तक तापमान, आर्द्रता और समेकित ओजोन का लंबवत रुप में ब्योरा देता है. अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार इनसेट-3डी की चित्र खींचने की प्रणाली में कल्पना और इनसेट-3ए की तुलना में सुधार किये गये हैं. इनसेट-3डी पिछले मिशनों को जारी रखेगा और क्षमता को बढ़ाएगा भी.