अहमदाबाद: गुजरात के मुख्मयंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि देश की आर्थिक हालत खस्ता हो चुकी है और निवेशकों का विश्वास डगमगाया गया है. साथ ही मोदी ने कहा कि देश की दशा तय करने वाला कोई नहीं है. अहमदाबाद में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘महंगाई बढ़ने से मीडिल क्लास सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और इस वजह से मीडिल क्लास बचत नहीं कर पा रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण है सरकारी नीतियों का संतुलन बिगड़ना.
रुपये की गिरावट की बात करते हुए मोदी ने कहा, ‘इसे देखकर लगता है कि जैसे केंद्र सरकार और रुपये में गिरने का कम्पीटिशन चल रहा है. दोनों ही फिसल रहे हैं. मोदी ने कहा कि आजादी के वक्त हम डॉलर के बराबर थे. अटल जी की सरकार के समय एक डॉलर की कीमत 42 रुपये थे और आज देखिए, वो भी तब जबकि देश के प्रधानमंत्री एक अर्थशास्त्री हैं.
मोदी ने कहा, ‘लोग कहते हैं FDI नहीं आएगा, कोई भी व्यक्ति तब अपना धन लगायेगा जब उसे रिटर्न का विश्वास होगा. लेकिन हमारे यहां विदेशी निवेश नहीं आता, क्योंकि सरकरी नीतियां ऐसी हैं. साथ ही मोदी ने कहा कि हर देश का अपना अच्छा और बुरा दौर आता है, हमारा भी है लेकिन ऐसा लगता है कि हमारे देश के नेतृत्व ने विश्वास खो दिया है. मोदी ने यूपीए को जल्द चुनाव कराने की चुनौती भी दी और कहा कि निति निर्धारकों का विश्वास डगमगा गया है. उन्होंने कहा कि समय पूर्व चुनाव पर हो सकता है कि चर्चा हो रही हो लेकिन मैं कहूंगा कि इसके लिए भी सरकार को निर्णय लेना होगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि लोग सोना खरीदने के लिए मजबूर क्यों हुए, क्योंकि स्टॉक मार्केट पर भरोसा नहीं है और इसलिए केवल दो रास्ते बचते हैं, रियल एस्टेट और सोना. रियल एस्टेट में लगाने के लिए मिडल क्लास के पास पैसा नहीं है तो सोना ही खरीदेगा. उन्होंने कहा कि बचत हमारे यहां की संस्कृति है लेकिन पश्चिमी देशों में यह कल्चर नहीं है. मोदी ने कहा कि मिडल क्लास अपनी सेविंग बचाकर स्टॉक में लगाता था लेकिन अब महंगाई के कारण लोग घर नहीं चला पा रहे हैं तो बचत कहां से करेंगे.