एक खूबसूरत, बोल्ड, हमेशा चर्चा में रहनी वाली बिजनस वूमेन अर्थात सुनंदा पुष्कर अपनी तथाकथित मौत के बाद भी चर्चाओं में घिरी हुई है. आज सुनंदा पुष्कर की मौत हुए करीब एक साल बीत गये हैं लेकिन उनकी मौत को लेकर जो रहस्य 17 जनवरी 2014 को लीला पैलेस होटल के कमरा नंबर 345 से शुरू हुआ वहरहस्यआज भी बना हुआ है.
उनकी मौत के कुछ दिन बाद से ऐसा लग रहा था कि उनकी मौत आत्महत्या का एक रूपथा लेकिन कल 06 जनवरी 2015 को एक जांच रिपोर्ट के आलोक में दिल्ली पुलिस द्वारा किये गये खुलासे से इस रहस्य ने एक नया मोड ले लिया है. दिल्ली पुलिस ने कल यह खुलासा किया कि सुनंदा पुष्कर ने आत्महत्या नहीं की थी. उनकी हत्या की गयी थी. और इसी दिशा में आगे बढते हुए दिल्ली पुलिस ने कल किसी अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया. उसके बाद से एक बार फिर सुनंदा पुष्कार हत्याकांड मामला सुर्खियों में है. पार्टी नेताओं सहित पत्रकारों, विशेषज्ञों व जानकारों का मानना है कि इसमें कहीं न कहीं गहरी साजिश रची गयी है.
इस हाईप्रोफाइल केस के बारे में कुछ अहम बातें :
सुनंदा पुष्कर मौत की पृष्ठभूमि
सुनंदा पुष्कर का शव रहस्यमयी हालात में 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के पांच सितारा होटल लीला पैलेस के उस कमरे में मिला था जहां वो अपने पति शशि थरूर के साथ ठहरी हुई थीं. सुनंदा की मौत की जानकारी 17 जनवरी को शाम करीब साढ़े सात बजे खुद शशि थरूर के जरिए लोगों के सामने आई थी.
मौत से पहले दोनों में हुई थी अनबन
15 जनवरी 2014 को अचानक शशि थरूर और सुनंदा पुष्कर के रिश्ते पर सवाल उठ खड़े हुए, जब शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट से पाकिस्तान की पत्रकार मेहर तरार को किए गए कुछ ट्वीट सामने आए.
इसके बाद थरूर ने ट्वीट किया कि अकाउंट हैक कर लिया गया है. पाकिस्तानी पत्रकार तरार ने किसी भी संबंध से इनकार किया था.
विवाद के बढ़ने के बाद थरूर और सुनंदा ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा था, "हमारा वैवाहिक जीवन सुख से बीत रहा है और हम चाहते हैं कि यह ऐसा ही रहे."
शाम को प्रेस व दोस्तों से मिलने वाली थी
जानकारी के मुताबिक जिस दिन सुनंदा की मौत हुई उसी दिन वह शाम को अपने मित्रों से मिलने वाली थी. उनका प्रेस में भी कुछ बयान देने का प्लान था. लेकिन वह शाम तक इस काम के लिए जीवित नहीं रही.
पत्रकार और सुनंदा की मित्र रही नलिनी सिंह का बयान
सुनंदा की मौत के बाद जानी-मानी पत्रकार नलिनी सिंह ने और खुद शशि थरूर ने एसडीएम के सामने अपना बयान दर्ज कराया था. थरूर ने सुनंदा के साथ अपने रिश्ते को काफी अच्छा बताया. लेकिन नलिनी सिंह के बयान में क्या था, यह साफ नहीं हो पाया. नलिनी सिंह के बयान को इस मामले में काफी गंभीर माना जा रहा है. मौत से पहले नलिनी सिंह की सुनंदा से बात हुई थी. दरअसल, नलिनी सिंह ने सुनंदा की मौत की खबर आने के बाद शनिवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह संकेत दिया था कि उनके पास कुछ ऐसी सूचनाएं हैं जो इस मामले की जांच में अहम साबित हो सकती हैं. हालांकि उन्होंने वे सूचनाएं मीडिया से शेयर करने से इनकार करते हुए कहा, वह ये सूचनाएं पुलिस को ही देना चाहेंगी.
कल जब दिल्ली पुलिस ने इस मामले को हत्या करार दिया तो नलिनी सिंह ने ट्वीट कर कहा कि अब सुनंदा की मौत रहस्य नहीं रह जाएगा और इससे पर्दा उठेगा.
भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था यह हत्या का मामला है
सुनंदा की मौत के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुनंदा की मौत को लेकर कहा था कि यह हत्या है. इस मामले पर तो उन्होंने ट्वीट करके यह भी कहा था सुनंदा के पेट से लेकर शरीर के ऊपरी हिस्से तक कई जगहों पर गंभीर जख्म थे. उनकी नाक को दबाकर मुंह खोला गया था और उसके बाद जहर डाला गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वामी ने दावा यह भी किया था कि इस बाबत वे सबूत भी दे सकते हैं.
कल जब यह खुलासा हुआ तो स्वामी ने ट्वीट किया कि यह आत्महत्या नहीं हत्या का मामला है और यह फैसला (हत्या की केस दर्ज का) ‘मनी की हत्या’ है.
स्वामी ने पाकिस्तानी पत्रकार को आईएसआई से साठ-गांठ का आरोप लगाया था और कहा था कि उसके तार D कंपनी (दाउद की कंपनी) से जुड़े हुए हैं.
शशि थरुर की सुनंदा की मौत के बाद प्रतिक्रिया
सुनंदा की मौत की जानकारी 17 जनवरी को शाम करीब साढ़े सात बजे खुद शशि थरूर के जरिए लोगों के सामने आई थी. होटल लीला पैलेस के जिस कमरे में सुनंदा की लाश मिली थी उसी कमरे में दोनों ठहरे हुए थे. मौत के बारे में शशि थरुर की प्रतिक्रिया थी कि सुनंदा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने यह भी बताया कि उनके रिश्ते बेहतर थे.
हत्या का केस दर्ज किये जाने के बाद प्रतिक्रिया
कल जब दिल्ली पुलिस ने इस केस को हत्या करार दिया और अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया तो शशि थरुर स्तब्ध रह गये. उन्होंने ट्वीट किया कि मैं यह जानकर स्तब्ध हूं कि मेरी स्वर्गीय पत्नी की मौत को हत्या करार दिया गया है और इसको लेकर हत्या का केस दर्ज किया गया है. उन्होंने यह भी कहा है कि हत्या का केस दर्ज किये जाने को लेकर किसी तरह की प्रति (कॉपी) मुझे नहीं मिली है.
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सुनंदा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को एम्स के फोरेंसिक विभाग को देनी थी. उस वक्त ऐसी सूचना आयी कि उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट को जल्द और उसमें हेरफेर कर सौंपने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था. विभाग के अध्यक्ष ने यह आरोप लगाया था. शशि थरुर उस वक्त यूपीए सरकार में मंत्री थे. यह भी खबर है कि उस वक्त उनकी तबीयत भी बिगड गयी थी और वे एम्स में भर्ती हुए थे.
पुलिस की भूमिका पर भी सवाल
मौत के बाद दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह जानकारी दी थी कि सुनंदा की मौत आत्महत्या का मामला है. उनकी मौत जहर से नहीं बल्कि दवा के ओवरडोज से हुई है. दवा अधिक लेने के कारण उनके शरीर में रिएक्शन होकर जहर बना जिससे सुनंदा की मौत हुई.
किन्तु वही दिल्ली पुलिस कल के रिपोर्ट में बता रही है कि सुनंदा की मौत जहर देने से हुई है और उसने उसे हत्या का मामला बताया है. यहां सवाल उठता है कि एक ही मामले में दो अलग-अलग तरह के रिपोर्ट कैसे दिये गये. जिस केस को पहले वह आत्महत्या बता चुकी है उसी को अब वह हत्या बता रही है. इससे आगे की जांच में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ सकते हैं.
जो भी हो मामले में हत्या का केस दर्ज हो चुका है और आज उसकी जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गयी है. उम्मीद की जा सकती है कि आगे जो भी फैसला आएगा वह एक सच्चाई बयान करेगा और दोषी (अगर कोई हो) को सजा दिलाएगा ताकि मौत के बाद अब उनकी मृत आत्मा को शांति मिल सके.