अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार निलंबित आईपीएस अधिकारी एनके अमीन द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को आज अलग कर लिया.
न्यायाधीश एजे देसाई ने सुनवाई से हटने के लिए कोई कारण नहीं बताया. अमीन ने कल सीबीआई की विशेष अदालत के जमानत खारिज करने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उन्हें इस आधार पर जमानत मांगी थी कि सीबीआई का आरोप पत्र अधूरा है और इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए.
गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर पूरा आरोप पत्र दायर नहीं होने पर आरोपी को जमानत दिये जाने का प्रावधान है. अमीन को चार अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. तीन जुलाई को सीबीआई ने अमीन सहित सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
उन पर वर्ष 2004 में अहमदाबाद के बाहरी क्षेत्र में 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख, जीशान जोहर और अमजद अली राना की मुठभेड़ में हत्या करने के संबंध में हत्या और आपराधिक साजिश का आरोप है.