गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज घोषणा की कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी आदिवासियों पर किये गये एनडीएफबी (एस) के नृशंस हमलों और इसके बाद असम में हुई हिंसक प्रतिक्रिया की जांच करेगी. इन घटनाओं में 78 ‘‘गरीब एवं निर्दोष’’ लोगों की जान गयी है.
सिंह ने सोनितपुर एवं कोकराझार जिलों के प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने असम के मुख्यमंत्री से बातचीत की है और हमने तय किया कि इस पूरी घटना की एनआईए से जांच कराई जाये. हम यह जानना चाहते हैं कि इनका किससे संबंध है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने हमलों को ‘‘बहुत गंभीरता’’ से लिया है.
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘हम इसकी एक सामान्य उग्रवादी कृत्य के रुप में अनदेखी नहीं कर सकते. यह एक आतंकी कृत्य है. राज्य एवं केंद्र, दोनों सरकारें इससे उसी तरह निबटेगी जैसा कि आतंकवाद के साथ किया जाता है.’’ सिंह ने राज्य सरकार को सभी प्रकार से मदद करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जरुरत पडने पर संगठन के खिलाफ कार्रवाई में राज्य सरकार को सेना की मदद भी मुहैया करायी जायेगी.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि केंद्र ने पहले ही असम को अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां मुहैया करा दी हैं. गृह मंत्री ने समूह के साथ बातचीत की संभावना को नकार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘इन संगठनों के साथ कोई वार्ता नहीं होगी. केवल कार्रवाई की जायेगी. समयबद्ध कार्रवाई होगी और हम इसे खींचना नहीं चाहते. मैंने राज्य सरकार से सीधे अभियान शुरु करने को कहा है.’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार को भूटान एवं म्यामांर के नेतृत्व की ओर से उनकी भूमि से आतंकवादियों के सफाये में सहयोग करने का आश्वासन भी मिला है.
सिंह ने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस घटनाक्रम के बारे में उन्हें आज सुबह सूचित किया. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को जातीय संघर्ष करार नहीं दें.
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों का कोई धर्म, जाति या क्षेत्र नहीं होता. वे केवल आतंकवादी होते हैं.’’ सिंह ने संवाददाताओं को यह भी सूचित किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना को बेहद गंभीरता से लिया है और मारे गये प्रत्येक व्यक्ति के निकट परिजन के लिए दो लाख रुपये की घोषणा की है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री देश और इस क्षेत्र के लिए काम करना चाहते हैं. कुछ ताकतें इसमें हस्तक्षेप कर रही हैं. लेकिन हम उन ताकतों से पार पायेंगे.ऐसी घटनाएं राष्ट्र के लिए चुनौती हैं.’’