सागर: समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि जानवर तक प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं, लेकिन इंसान नहीं. मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री रहे राघवजी पर लगे नौकर के यौन शोषण के आरोपों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अन्ना ने कहा कि एक सत्तर-अस्सी साल के बुजुर्ग मंत्री ने जो किया, वह गलत किया है.
उसे तो समाज में आदर्श पेश करना चाहिए था, जो मन पर लगाम नहीं लगा पाता, उसे मन ‘‘गटर’’ में पहुंचा देता है, जैसा कि मध्यप्रदेश के मंत्री के साथ हुआ है. प्रदेश में गत पांच जुलाई से शुरु हुई जनतंत्र यात्रा के सागर में पड़ाव के दौरान आज संवाददाताओं से बातचीत में बुजुर्ग समाजसेवी ने कहा कि लोगों को अपना नजरिया बदलना होगा. जनता को चाहिए कि वह दलों के आधार पर नहीं, उम्मीदवारों के अच्छे चरित्र के आधार पर चुनाव करने का फैसला करें.
हजारे ने कहा कि देश में असली लोकतंत्र है ही नहीं.पार्टी तंत्र ने देश में लोकतंत्र को नेस्तनाबूद कर दिया है. चरित्रवान और निर्दलीय उम्मीदवारों के जीत कर संसद में पहुंचने से ही देश में सच्चा लोकतंत्र आ सकता है. मौजूदा पार्टीतंत्र संविधान सम्मत नहीं है. उन्होंने कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि देश में राजनीतिक दल के जरिए ही लोग चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि जनतंत्र यात्रा के जरिए वह लोगों को जागरुक बनाने के लिए आए हैं.