नयी दिल्ली : लद्दाख के चूमार क्षेत्र में चीन ने फिर घुसपैठ की है, जिसके कारण दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गयीं है. विगत कुछ वर्षों से चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को ललचाई नजरों से देख रहा है और उसे अपना इलाका बताने में भी संकोच नहीं कर रहा है. साथ ही वह ब्रह्मपुत्र नदी की धारा को भी मोडने का प्रयास कर रहा है. चीन के इन नापाक हरकतों के लिए भारत ने उसे कई बार चेताया भी है.
घटना 17 जून की है जब चीनी फौज ने भारतीय सीमा में दाखिल होकर यहां की चौकी में तोड़फोड़ की और निगरानी कैमरा तोड़कर ले गए थे. हालांकि बाद में फ्लैग मीटिंग के दौरान चीनी सेना ने कैमरा लौटा दिया था.
वृहस्पतिवार को अधिकारियों ने चूमार में मामला संवेदनशील होने की पुष्टि करते हुए बताया, चीनी निगरानी दल जब भारतीय सीमा में अतिक्रमण कर दाखिल हुआ था उसका सामना भारतीय निगरानी दल से हुआ. दोनों पक्ष आमने-सामने की स्थिति में आ गए थे.
इसके बाद चीनी दल अपने कैंप में लौट गया. इसी दिन चीनी सेना ने भारतीय निगरानी चौकी पर तोड़फोड़ की थी और कैमरा तोड़कर ले गए थे. दरअसल, चूमार चीन की आंख की किरकिरी बना हुआ है. दोनों के बीच 4000 किमी से अधिक लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चूमार ऐसा क्षेत्र है जहां भारत मजबूत स्थिति में है.
अपने सशस्त्र बलों के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करने के लिए भारत और चीन निकट भविष्य में नौसना और वायुसेना के संयुक्त अभ्यास की योजना बना रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच हालिया बातचीत में इस पर मुहर लग गई है. शुरुआत में यह छोटे पैमाने पर होगा जिसका बाद में विस्तार किया जाएगा. दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच बैठक में इसकी रूपरेखा और समयसारिणी तय की जाएगी.