नयी दिल्ली : इशरत जहां एनकाउंटर मामले में आईबी और सीबीआई के बीच विवाद बढ़ गया है. एक ओर जहां आईबी इशरत्त के आतंकी होने की जांच करवाने की मांग कर रही है, वहीं सीबीआई इस बात पर अड़ी है कि वह इशरत के आतंकी होने की जांच नहीं करवायेगी.
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा है कि हम किसी दूसरी एजेंसी के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हेडली ने एनआईए को यह जानकारी दी थी कि इशरत आत्मघाती आतंकी है. लेकिन एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया था. 2004 में हुई इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआइ ने बीते दिनों विशेष अदालत में जो पहला आरोप पत्र दाखिल किया है, इसमें बताया गया है कि मुठभेड़ में इस्तेमाल किये गये हथियार गुजरात पुलिस को सब्सिडियरी इंटेलीजेंस ब्यूरो ने उपलब्ध कराये थे.
हालांकि, आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने यह नहीं बताया था कि इशरत सहित मुठभेड़ में चारों लोग आतंकवादी थे या नहीं. उधर, शुक्रवार को सीबीआइ प्रमुख ने कहा कि इशरत मामले की सभी पहलुओं की जांच हो रही है.
आइबी के पत्र पर एक नजर
इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) ने फरवरी, 2013 में सीबीआइ को एक चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में जानकारी दी गयी थी कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड हेडली ने पूछताछ में अमेरिकी जांच एजेंसी (एनआइए) को यह बात बतायी थी कि अहमदाबाद में मुठभेड़ में मारी गयी इशरत लश्कर की एक फिदायीन हमलावर थी. सीबीआइ को लिखी इस चिट्ठी में कहा गया था कि लश्कर-ए-तैयबा के एक कमांडर ने हेडली को इशरत के बारे में बताया था. चिट्ठी के मुताबिक, हेडली ने कहा था कि इशरत को लश्कर-ए-तैयबा ने भरती किया था.
एफबीआइ ने 25 मई 2010 को इशरत के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन भारत में जांच एजेंसी एनआइए ने हेडली की बातों पर भरोसा नहीं किया. एनआइए सूत्रों के मुताबिक, हेडली का इशरत से सीधे कोई संपर्क नहीं था. एनआइए ने इशरत पर तैयार अंतिम रिपोर्ट से इस बात को हटा दिया था. इशरत के बारे में हेडली के बयान का कोई रिकॉर्ड नहीं है और यह सबूत के तौर पर मान्य भी नहीं है.
सभी पहलुओं की जांच
सीबीआइ प्रमुख रंजीत सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि इशरत मामले की सभी पहलुओं की जांच हो रही है. इसमें कुछ गवाहों का बयान भी शामिल है जिसमें उन्होंने गुजरात पुलिस द्वारा की गयी फरजी मुठभेड़ के पीछे राजनैतिक साजिश की जानकारी होने का दावा किया है. सिन्हा से पूछा गया था कि क्या सीबीआइ पुलिस डीएसपी डी एच गोस्वामी द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये गये बयान की जांच कर रही है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि अपराध शाखा के डीआइजी डीजी वंजारा ने मुठभेड़ के लिए गुजरात के राजनैतिक नेतृत्व से अनुमति हासिल की थी. सिन्हा ने कहा कि सीबीआइ मामले की अपनी जांच में एनआइए समेत अन्य एजेंसियों से सहायता ले रही है.