नयी दिल्ली : भाजपा संसदीय बोर्ड ने भी नरेंद्र मोदी की चुनावी तैयारियों पर सहमति जता दी है. कुछ बिंदुओं पर सुधार और संशोधन के सुझाव जरूर आए, लेकिन मोटे तौर पर सहमति बनी कि केंद्र की कांग्रेस सरकार को फोकस कर चुनाव लड़ा जाए. सोमवार को फिर संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है.
लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिहाज से गुरुवार को राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय बोर्ड और चुनाव अभियान समिति की लंबी बैठक हुई. इसके साथ ही मोदी ने यह भी संकेत दे दिए कि केंद्रीय चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष होने के बावजूद वे चुनाव प्रचार से जुड़े नीतिगत फैसलों के लिए पार्टी की सबसे बड़ी इकाई संसदीय बोर्ड को साथ लेकर चलेंगे.
उन्होंने पार्ट नेताओं को यह भी कहा कि अब वक्त बेहद कम बचा है इसलिए बिना वक्त गंवाए एकजुट होकर चुनाव के लिए जुट जाना चाहिए. पार्टी ने इस बैठक में मोटे तौर पर उन चार मुद्दों की भी पहचान की, जिन्हें लेकर वह मौजूदा यूपीए सरकार के खिलाफ जनता के बीच जाएगी. संसदीय बोर्ड की अब सोमवार को फिर बैठक होगी.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पहले मोदी और आडवाणी मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की बैठक हुई और इसके बाद उसी बैठक में ही महासचिवों के अलावा कार्यक्रम कार्यान्वयन कमिटी के अध्यक्ष को भी बुला लिया गया. इसके बाद चुनाव अभियान को लेकर बैठक हुई. इस बैठक में मोदी और आडवाणी दोनों ने ही पार्टी नेताओं से कहा कि अब वक्त काफी कम बचा है इसलिए चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए. बैठक में नेताओं ने यह संकेत भी दिए कि हो सकता है कि कांग्रेस झटका देने के लिए इसी साल चुनाव करा सकती है. इन नेताओं का यह भी कहना था कि पार्टी को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी ने नेताओं से कहा कि उन्हें आक्रामक और प्रभावी चुनाव अभियान की रणनीति बनानी होगी. इस बैठक की सबसे खासियत यह है कि इसमें मोदी ने साफ संकेत दे दिए हैं कि अभियान समिति का मुखिया होने के बावजूद ऐसा नहीं है कि वे खुद मनमाने फैसले लेंगे बल्कि वे पार्टी के संसदीय बोर्ड और अन्य फोरम को भी साथ लेकर चलेंगे. यही वजह है कि उन्होंने कुछ नेताओं को चुनाव अभियान के लिए कुछ काम भी दिया है.
मोदी चाहते हैं कि राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए तो हर राज्य के मुताबिक रणनीति बने, साथ ही वे यह भी चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए भी अलग-अलग स्तरों पर रणनीति बनाई जाए. बैठक में तय किया गया कि केंद्र सरकार के खिलाफ चार मुद्दों को जोरशोर से उठाया जाए.
ये हैं सीबीआई का दुरुपयोग, महंगाई, भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट व असुरक्षा. इन बिंदुओं को लेकर पार्टी सभी राज्यों में अभियान चलाएगी और स्थानीय मुद्दों को शामिल करके अगस्त में कांग्रेस के खिलाफ चार्जशीट भी जारी करेगी. चूंकि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव जल्द होने वाले हैं इसलिए इन सभी राज्यों में पार्टी बूथ लेवल पर सम्मेलन भी करेगी.