अजमेर : सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज और दरगाह के सज्जदनशीन एवं मुस्लिम धर्म प्रमुख दरगाह दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने भारत के नागरिक सरबजीत सिहं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सरबजीत की मौत के बाद पाक खुफिया ऐजेंसी आई एस आई द्वारा देश में सांप्रदायिक माहौल खराब करने की साजिश बेनकाब हो गई है इसलिए इस नाजुक समय में देश को एकता और सदभावना का परिचय देकर पाक की इस साजिश को विफल करना चाहिये.
दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने बयान जारी कर कहा कि सरबजीत की मौत एक दुखद घटना है मगर इसका दुसरा पहलू यह है कि पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी आई एस आई का मंसूबा उसकी हत्या करवाकर भारत में सांप्रदायिक माहौल खराब करके अस्थिरता पैदा करने का था इसलिये पाक के इस नापाक उद्देश्य को भारत के नागरिकों को समझकर ऐसी परिस्थिती के समय सांप्रदायिक सौहार्द्र का परिचय देकर पाक को मुंह तोड जवाब देना चाहिये.
जिससे मुल्क में अमन शान्ति फिजा बरकरार रहे. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को चाहिये की पाकिस्तान सरकार और आई एस आई के इस अमानवीय करतूत को अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के समक्ष उठा कर जो लोग इस घिनौने कारनामें के लिये जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग रखें.
उन्होंने मुस्लिम धर्म गुरु की हैसियत से तमाम दुनिया के इस्लामिक देशों से इस मसले पर पाक की निन्दा करने की अपील करते हुए कहा कि पाक की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत से दुनियां भर के मुसलमानों को शर्मिन्दगी महसूस हुई है. इस्लाम अमन पसंद मजहब है ओर वह इस किस्म की कार्यवाही की इजाजत नहीं देता.