नयी दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को 10 करोड़ रुपये के रेल रिश्वत कांड में अहम गवाहों में से एक नामित किया गया है. इस मामले में सीबीआई ने उनके भांजे विजय सिंगला को ‘मुख्य व्यक्ति’ बताया है जिसके प्रभाव का इस्तेमाल रेलवे बोर्ड के तत्कालीन सदस्य महेश कुमार को रेलवे बोर्ड सदस्य (इलेक्ट्रिकल) के तौर पर नियुक्त करवाने के लिए किया जाना था.
बंसल को मामले में अभियोजन पक्ष का 39 वां गवाह नामित किया गया है. इस मामले में सिंगला, रेलवे बोर्ड के तत्कालीन सदस्य :स्टाफ: महेश कुमार और आठ अन्य के खिलाफ आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है.
आरोप पत्र में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, उसे (सिंगला को) घटनास्थल पर चंडीगढ़ में उनके कार्यालय परिसर में 90 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार करते हुए गिरफ्तार किया गया था. वह मुख्य व्यक्ति थे जिनके प्रभाव का इस्तेमाल महेश कुमार की उनकी इच्छा वाले पद सदस्य :इलेक्ट्रिकल: पर नियुक्ति के लिए की जानी थी.’’सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिंगला ने कुमार को सदस्य (इलेक्ट्रिकल) के पद पर नियुक्त: करने के लिए 10 करोड़ रुपये के रिश्वत की मांग की थी. यह आरोपियों के बीच तय हुआ था कि पांच करोड़ रुपये का भुगतान नियुक्ति से पहले किया जाएगा जबकि शेष रकम का भुगतान काम हो जाने के बाद किया जाएगा.
बंसल को गवाह बनाना साजिश:भाजपा
रेलवे बोर्ड के सदस्य को ‘धन के बदले प्रोन्नति देने’ के मामले में सीबीआई द्वारा पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल को गवाह बनाने पर सख्त आपत्ति करते हुए भाजपा ने आज कहा कि ऐसा करके सरकार बंसल को बचाने की साजिश रच रही है. भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी नेता अनंत कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बंसल इस मामले में प्रथम आरोपी हैं इसलिए वह गवाह नहीं बन सकते हैं. उन्हें आरोपी बनाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बंसल को आरोपी की बजाय मामले का गवाह बनाना अपने आप में एक साजिश है. उल्लेखनीय है कि बंसल को 10 करोड़ रुपये के रेल रिश्वत मामले में अभियोजन पक्ष का गवाह नामित किया गया है. इस मामले में बंसल के भांजे विजय सिंगला और अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है. एजेंसी ने विशेष सीबीआई अदालत में आरोप पत्र के साथ 90 गवाहों की एक सूची दायर की है और बंसल को उसमें 39वां गवाह नामित किया है.
सिंगला के साथ रेलवे बोर्ड के निलंबित सदस्य :स्टाफ: महेश कुमार, बेंगलूर स्थित जी जी ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नारायण राव मंजूनाथ, बिचौलिया अजय गर्ग और संदीप गोयल, राहुल यादव, समीर संधीर, सुशील डागा, सी वी वेणुगोपाल और एम वी मुरली कृष्ण के खिलाफ एजेंसी ने मामले में आरोप पत्र दायर किया है. मुरली और वेणुगोपाल को छोड़कर सीबीआई ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और सबके खिलाफ आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं.