नयी दिल्ली : संप्रग सरकार के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को आज चर्चा तथा पारित करने के लिए लोकसभा में पेश किया गया लेकिन हंगामे के चलते इस पर चर्चा नहीं हो सकी. सदन की कार्यवाही चार बार के स्थगन के बाद अपराह्न 3 बजे शुरु होते ही खाद्य मंत्री के वी थामस ने विधेयक चर्चा और पारण के लिए रखा.
इस दौरान भाजपा के सदस्य पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत पर हमले और उसकी मौत के मामले को उठा रहे थे. हंगामा थमता नहीं देख सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. विधेयक को दिसंबर 2011 में लोकसभा में पेश किया गया था. स्थाई समिति की सिफारिशों के बाद विधेयक को नये सिरे से कुछ संशोधनों के साथ कैबिनेट को वापस भेजा गया और बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन 22 मार्च को एक बार फिर सदन में लाया गया.
विधेयक में संशोधनों का उद्देश्य मुख्य रुप से राज्यों के आर्थिक बोझ को कम करने के साथ उनके लिए और सरल तथा लचीली रुपरेखा तैयार करना है. इस विधेयक के कानून बनने पर देश की करीब 67 प्रतिशत जनसंख्या को भोजन का अधिकार मिलेगा जिससे राजकोष पर करीब 1.23 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.