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भारत की पहली ‘बेटी’ जिसने गूगल में रचा इतिहास

मोहाली : पंजाब में मोहाली के मिलेनियम स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा सृष्टि अस्थाना ने शहर के साथ देश का नाम रोशन कर दिया है. सृष्टि गूगल की तरफ से आयोजित ऑनलाइन साइंस फेयर मुकाबले के टॉप-15 में मुकाम बनाने में कामयाब रही है. यह पहला मौका है, जब कोई हिंदुस्तानी मुकाबले के फाइनल […]

मोहाली : पंजाब में मोहाली के मिलेनियम स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा सृष्टि अस्थाना ने शहर के साथ देश का नाम रोशन कर दिया है. सृष्टि गूगल की तरफ से आयोजित ऑनलाइन साइंस फेयर मुकाबले के टॉप-15 में मुकाम बनाने में कामयाब रही है. यह पहला मौका है, जब कोई हिंदुस्तानी मुकाबले के फाइनल तक पहुंचा है.

मुकाबले के अगले चरण के लिए वह 23 सितंबर को कैलिफोर्निया वाकेए गूगल माउंटेन हेडक्वार्टर जायेगी. इस टूर पर आने वाला सारा खर्च गूगल की तरफ से ही उठाया जायेगा.

वैज्ञानिक बनने की चाह: गूगल की तरफ से हर साल यह मुकाबला कराया जाता है. मुकाबले में इस बार 120 देश के छात्रों ने हिस्सा लिया था. सृष्टि ने मुकाबले के लिए ‘सोलर लाइट असिस्टेड नैनोज्नो फोटो कैटेलिक मिनरलाइजेशन-द ग्रीन टेक्नीक फॉर द डी-ग्रेडेशन ऑफ डिटर्जेट्स’ पेश किया था.

उसने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए यह आइडिया उसे लुधियाना के एक ट्रिप के दौरान मिला. वहां पर उन्होंने इंडस्ट्रियल वेस्ट की हालत देखी. वहीं से इंडस्ट्रियल वेस्ट से निकले बेकार डिटर्जेट वाटर को इको-फ्रेंडली के तौर पर बदलने के लिए ग्रीन सॉल्यूशन का ख्याल शुरू हुआ. सृष्टि बड़ी होकर वैज्ञानिक बनना चाहती है.

हर वर्ष होता है आयोजित : गूगल साइंस फेयर एक ऑनलाइन साइंस मुकाबला है, जो गूगल, लेगो, सीरन, नेशनल ज्योग्राफिकल और साइंटिफिक अमेरिकन के तरफ से आयोजित की जाती है. मुकाबला जनवरी 2011 में शुरू हुई थी. मुकाबले में 13 से 18 साल तक के स्टूडेंट हिस्सा ले सकते हैं. इस मुकाबले के फाइनल में विजेता को 50 हजार डॉलर की स्कॉलरशिप समेत कई इनाम दिये जायेंगे.

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