नयी दिल्ली : एक स्थानीय अदालत ने एक व्यक्ति को उससे अलग रह रही अपनी पत्नी और तीन बच्चों को प्रतिमाह 25000 रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रचना टी लखनपाल ने पति से अलग अपने मायके में रह रही पत्नी की याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. महिला ने याचिका दायर करके अंतरिम गुजारा भत्ता दिजी जाने की मांग की थी. उसने कहा कि 16 नवंबर 2000 को उसका विवाह हुआ था और उसके तीन बच्चे हैं.
उसने आरोप लगाया कि उसके माता पिता ने शादी पर काफी धन खर्च किया था लेकिन उसके ससुराल पक्ष के लोग दहेज को लेकर उसे मानसिक रुप से प्रताडि़त करते रहते थे.
महिला ने अपनी याचिका में कहा कि 24 मई 2010 को उसके पति और ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे पीटा जिसके बाद वह जून 2010 में पति का घर छोड़कर अपने माता पिता के घर चल गयी और तभी से वहां रह रही है.
उसने कहा कि वह पूरी तरह से अपने माता- पिता पर निर्भर है और पति उसे कोई गुजारा भत्ता नहीं देता. महिला के पति ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उसकी पत्नी काम कर रही है और वेतन पाती है इसलिए उसे गुजारा भत्ते की जरुरत नहीं है. इसके जवाब में पत्नी ने कहा कि वह कहीं काम नहीं करती और उसके पति का पारिवारिक व्यवसाय है जिसका 2008-09 में सालाना कारोबार चार करोड़ रुपए था.