नयी दिल्ली : पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों की मौत का सिलसिला रूक नहीं रहा है. अभी कल ही आधिकारिक सूत्रों ने जाकिर मुमताज नाम के कैदी की मौत होने की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि भारतीय नागरिक जाकिर मुमताज को सीमा पार करने पर 3 अगस्त 2011 को गिरफ्तार कर कोट लखपत जेल में रखा गया था.
8 जून को पेट में दर्द होने की शिकायत पर उसे लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जाकिर की मौत हार्ट अटैक से हुई हैं. इसके पहले 26 अप्रैल को कोट लखपत जेल में ही सरबजीत सिंह की कुछ साथी कैदियों ने पिटाई कर दी थी. जिसके बाद जिन्ना अस्पताल में ही उसकी मौत हो गयी थी. सरबजीत की मौत के बाद पाक जेलों में बंद भारतीय कैदियों की सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से आवाज भी उठायी गयी थी लेकिन इस तरह की घटनाएं रूक नहीं रही है. एक अन्य घटनाक्रम में इसी वर्ष 15 जनवरी को चमेल सिंह नाम के कैदी की सुरक्षाकर्मियों द्वारा पिटाई के बाद मौत हो गयी थी.
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पाक जेलों में भारतीय कैदी सुरक्षित नहीं है. वहीं इन घटनाओं को पाक सरकार भी गंभीरता से नहीं ले रही है. जाकिर मुमताज की मौत पर सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने कहा है कि पाक सरकार द्वारा कैदियों की सुरक्षा के प्रबंध न किये जाने से इस प्रकार की घटनाएं हो रही है. जाकिर की मौत की पुष्टि कल रात सात- आठ बजे के बीच की गई थी. इस पर दलबीर का कहना है कि पाक के अधिकारी जानबूझकर कैदियों पर हमले और उनकी मौत की पुष्टि रात को करते हैं, जिससे कि भारतीय अधिकारी अगले दिन ही कोई कदम उठा सकें.