नयी दिल्ली: भारत कुडनकुलम परमाणु उर्जा परियोजना की यूनिट एक चालू होने की ओर अग्रसर है और साथ ही कलप्पकम में अपने पहले वाणिज्यिक प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर को तेजी से पूरा कर रहा है. परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष रत्न कुमार सिन्हा ने यह भी जोर देकर कहा कि भारत की परमाणु उर्जा नीति में कोई बदलाव नहीं आया है जो क्लोज्ड फ्यूअल साइकिल और त्रिस्तरीय कार्यक्रम पर आधारित है जिसका मकसद अपने विशाल थोरियम भंडार का इस्तेमाल करना है.
सिन्हा ने रुस में सेंट पीटर्सबर्ग में ‘‘21वीं सदी में परमाणु उर्जा’’ विषय पर आईएईए के अंतरराष्ट्रीय मंत्री स्तरीय सम्मेलन में कहा, ‘‘ कुडनकुलम एनपीपी की पहली यूनिट बहुस्तरीय सुरक्षा समीक्षा के बाद चालू होने की ओर अग्रसर है. ’’ उन्होंने कहा कि कुडनकुलम समेत निर्धारित तटीय स्थलों पर लाइट वाटर रिएक्टर की स्थापना के लिए चिन्हित पक्षों से बातचीत भी चल रही है.
सिन्हा ने बताया कि आधुनिक डिजाइन पर आधारित 700 मैगावाट के दाबित भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है. ये गुजरात के ककरापार तथा राजस्थान के रावतभाटा में बनाए जा रहे हैं. दोनों जगहों पर दो दो रिएक्टर होंगे.
उन्होंने बताया, ‘‘ इसके अतिरिक्त 700 मेगावाट की क्षमता वाले 16 और पीएचडब्ल्यूआर का पांच विभिन्न स्थलों पर निर्माण कराया जाएगा।’’ सिन्हा ने बताया कि भारत अगले एक दशक में स्वदेशी डिजाइन वाले पीडब्ल्यूआर की स्थापित की योजना भी बना रहा है.