चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने अमेरिका में एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोपी तमिलनाडु के एक कैथोलिक पादरी की गिरफ्तारी को सही ठहराया है. इस प्रकार पादरी के अमेरिका के लिए प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया.
न्यायमूर्ति धनपालन और न्यायमूर्ति सीटी सेल्वम की खंडपीठ ने पादरी की बहन पुष्पावती की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उसकी गिरफ्तारी को खारिज करने की मांग की गयी थी.
पुष्पावती ने अपनी याचिका में कहा था कि पादरी को दिल्ली में पेश करने में देरी हुई और उसे जेल में रखना अवैध हिरासत का मामला है.
पीठ ने उसकी याचिका खारिज करते हुए पादरी के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया.
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल जी मासिलामणि ने कहा था कि वर्ष 1999 से अमेरिका के साथ वैध प्रत्यर्पण संधि है और अमेरिका ने प्रत्यर्पण के अनुरोध के साथ सभी संबंधित दस्तावेज पेश किये हैं.
उधगमंडलम के 58 वर्षीय जोसेफ पलानिवेल जेयपॉल पर वर्ष 2004 में मिनेसोटा चर्च में पादरी रहते 14 साल की लड़की का कई बार यौन उत्पीडन करने का आरोप है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पादरी के खिलाफ दिसंबर 2006 में आरोप तय हुए थे. पादरी वर्ष 2005 में अपनी बीमार मां को देखने के लिए भारत आया था.