अपने 10 साथियों के साथ 26\11 मुंबई आंतकी हमलों को अंजाम देने वाले अजमल कसाब को तो फांसी तो पाकिस्तान के लचर रवैये के कारण हो रहा है. पाकिस्तान तो हाफिज सईद को आतंकवादी मानने से इंकार करता है.
भारत कई बार पाकिस्तान पर आतंकवाद को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है. हाफिज सईद का बचाव करने के बाद ये आरोप सही साबित हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में आयोजित सार्क सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान 26/11 मुंबई हमले का जिक्र करते हुए इसे कभी नहीं भुलाया जाने वाला दुख बताया. इससे एक बार फिर सवाल उठा है कि क्या हाफिज सईद पकड़ा जाएगा. क्या मोदी इस मामले में पाकिस्तानी सरकार से बातचीत करेंगे.
लेकिन सवाल है कि क्या हाफिज सईद को सजा मिल पाएगी. ये काफी मुश्किल है. सईद पाकिस्तानी जनता के बीच खासा लोकप्रिय है. सईद यहां भारत विरोधी भाषण भी देते रहते हैं. पाकिस्तानी सरकार भी सईद को सामाजिक कार्यकर्ता बताती है.
यही नहीं सईद अमेरिका की मोस्ट वॉन्टेड आतंकी लिस्ट में भी शामिल है. लेकिन अमेरिका भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है. ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में जाकर मारने वाले अमेरिका में सईद को पकड़ने की हिम्मत क्यों नहीं है. क्या अमेरिका पाकिस्तान से रिश्ते खराब करने से डर रहा है. अगर ऐसा है तो आतंकवाद से लड़ने की बात करने वाले अमेरिका की प्रतिवद्धता पर भी सवाल उठता है.
2008 में मुंबई के कई स्थानों पर हमले किए गए. जिसमें मशहूर ताज होटल, ऑबेराय ट्रिडेन्ट होटल, अस्पतालों और रेलवे स्टेशन जैसे कई सार्वजनिक स्थानों को निशाना बनाया गया. इस हमले को अंजाम देने वालों में से सिर्फ कसाब ही जिंदा पकड़ा गया उसके बाकी साथी मारे गए थे.
इतने बडे हमले के मास्टरमाइंड सईद को लोग अब सजा होत हुए देखना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि भारत अब इस मुद्दे को अंतराष्ट्रीय मंच पर भी उठाए ताकि पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा सके.