नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार तीन क्षेत्रीय त्वरित पारगमन प्रणालियों (आरआरटीएस) के निर्माण के लिए जल्द ही एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) गठित करेगी. आरआरटीएस के निर्माण से दिल्ली को पानीपत , अलवर और मेरठ से जोड़ा जाएगा.
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) ने पहले रेल आधारित आरआरटीएस कोरिडोर के लिए आठ लाइनों की पहचान की थी जिनमें से तीन लाइनों दिल्ली पानीपत, दिल्ली अलवर और दिल्ली मेरठ को योजना आयोग द्वारा नियुक्त समिति ने प्राथमिकता प्रदान की थी.
उन्होंने बताया कि एनसीआरपीबी ने एनसीआरटीसी के गठन के लिए एक योजना पर काम शुरु कर दिया है और इसके लिए व्यय वित्त समिति से जरुरी मंजूरी भी हासिल कर ली गयी है. एनसीआरटीसी के गठन को अब कैबिनेट की मंजूरी मिलना बाकी है और ऐसी संभावना है कि शहरी विकास मंत्रालय जल्द ही एक प्रस्ताव पेश करेगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
समझा जाता है कि एनसीआरटीसी का गठन सौ करोड़ रुपये की शुरुआती धनराशि से किया जाएगा जिसमें केंद्र सरकार तथा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों अपना योगदान देंगी. आरआरटीएस लाइनें इन राज्यों से गुजरेंगी. इन तीनों कोरिडोर को मिलाकर कुल 381 किलोमीटर लंबे रेल आधारित परिवहन प्रणाली का विकास किया जाएगा. इनमें से दिल्ली गुड़गांव रिवाड़ी अलवर कोरिडोर सबसे लंबा 180 किलोमीटर का होगा. इसके बाद दिल्ली सोनीपत पानीपत 111 किलोमीटर और दिल्ली गाजियाबाद मेरठ मार्ग 90 किलोमीटर लंबा होगा.
अधिकारियों ने बताया कि तीनों कोरिडोर का व्यावहार्यता अध्ययन पहले ही शुरु किया जा चुका है.