नयी दिल्ली : भाजपा के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी इतनी जल्दी हाशिये पर जाने वाले नहीं हैं.कल उन्होंने कहा है कि भाजपा को दोस्तों की जरूरत है.
उन्होंने यह बयान तब दिया है जब भाजपा का बिहार में जदयू के साथ 17 साल पुराना संबंध टूट गया. आडवाणी ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और उनका नजरिया यही था कि हमें दोस्त बनाने चाहिए.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आडवाणी अभी भी नरेंद्र मोदी को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. हालांकि मोदी ने उनसे मिलकर उन्हें मनाने का प्रयास किया था. संघ प्रमुख मोहन भागवत की भी इस सिलसिले में आडवाणी से मुलाकात हुई थी.