नयी दिल्ली: नयी दिल्ली : लगातार छठे दिन संसद में ठीक से कामकाज नहीं हो सका. कोयला ब्लाक आवंटन और इस पर सीबीआई के हलफनामे के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अडिग विपक्ष ने आज भी दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया.लोकसभा और राज्यसभा की बैठक सुबह जैसे ही शुरु हुई, हंगामा शुरु हो गया. पहले दोनों सदनों की बैठक मध्याह्न तक, फिर दो बजे तक और अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पडी.लोकसभा की कार्यवाही शुरु होते ही गणेश सिंह और संजय जायसवाल के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने आसन के सामने आकर नारेबाजी शुरु कर दी. वे नारे लगा रहे थे, प्रधानमंत्री इस्तीफा दो और कोयले की दलाली है, पूरी कांग्रेस काली है. सपा सदस्य शैलेन्द्र कुमार ने लद्दाख में चीन की सेना द्वारा की गयी घुसपैठ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि चीन पूरे देश पर कब्जा कर रहा है. इसके बाद सपा सदस्य भी आसन के सामने आकर विरोध दर्ज कराने लगे.सपा के सरोज तूफानी ने कहा कि देश गंभीर खतरे में है. उन्हीं की पार्टी के नीरज शेखर ने कहा कि चीन की सेना भारतीय क्षेत्र में मौजूद है.तेलंगाना क्षेत्र से कांग्रेस के सदस्य हाथ में पोस्टर लिये नजर आये. वे पृथक तेलंगाना राज्य की मांग कर रहे थे. हंगामा जारी रहते देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने बैठक मध्याह्न तक स्थगित कर दी. बैठक दोबारा शुरु होने पर भी नारेबाजी थमी नहीं. कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर विपक्ष का हंगामा आज भी जारी रहने के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बार बार बाधित हुई और बैठक को दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. उच्च सदन में बजट सत्र का गत सोमवार को दूसरा चरण शुरु होने के बाद सदन की कार्यवाही लगातार बाधित रही और इस दौरान एक भी दिन प्रश्नकाल नहीं हो पाया. आज सदन की बैठक शुरु होने पर सभापति हामिद अंसारी ने जैसे ही प्रश्नकाल का ऐलान किया, राजग सदस्यों ने कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई की रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया.
सभापति ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने के लिए कहा लेकिन भाजपा सदस्य प्रधानमंत्री के इस्तीफे और कानून मंत्री अश्विनी कुमार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए. अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन ने भी कुछ कहना चाहा लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनाई नहीं दे सकी. इसके बाद अन्नाद्रमुक सदस्य भी आसन के समक्ष पहुंच गए. तेदेपा सदस्य भी कोई मुद्दा उठा रहे थे. हंगामा थमते न देख सभापति ने 11 बज कर करीब आठ मिनट पर सदन की बैठक दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी.
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर शुरु होने पर भी वही नजारा दिखा और भाजपा के सदस्य प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए. उधर अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े देखे गए. हंगामे के बीच ही उपसभापति पी जे कुरियन ने जरुरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. उन्होंने सपा सदस्य जया बच्चन के पत्र का भी जिक्र किया. इसमें जया बच्चन ने पारिवारिक प्रतिबद्धताओं की वजह से संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की बैठकों में भाग लेने में अपनी असमर्थता का जिक्र किया है.
भाजपा सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही कई सदस्यों ने विशेष उल्लेख के जरिए लोक महत्व के विभिन्न विषय उठाए और उन्हें सदन के पटल पर रखा. भाजपा के ज्ञान प्रकाश पिलानिया ने विशेष उल्लेख के जरिए देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाए जाने की मांग की वहीं द्रमुक के टी शिवा ने मौत की सजा के प्रावधान वाले कानून को समाप्त किए जाने की मांग की. कांग्रेस के विजय जवाहरलाल दर्डा ने निर्धन एवं सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए लोक भूमि बैंक बनाए जाने की मांग की. इसके बाद कुरियन ने शून्यकाल शुरु करने को कहा लेकिन हंगामा जारी रहा. हंगामा थमते नहीं देख कुरियन ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरु होने पर सदन में हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच ही उपसभापति कुरियन ने कुछ अन्य सदस्यों के विशेष उल्लेख सदन के पटल पर रखवाये. इसके बाद उन्होंने महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में अधूरी रह गयी चर्चा को आगे बढ़ाने को कहा.
इस दौरान भाजपा के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे. उधर, सत्ता पक्ष की ओर से प्रभा ठाकुर सहित कुछ सदस्य सदन की कार्यवाही न चलने देने के कारण अपना विरोध जताते हुए देखे गए. हंगामा थमते न देख कुरियन ने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया. गौरतलब है कि बजट सत्र के 22 अप्रैल से शुरु दूसरे चरण में उच्च सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है. गत सोमवार को भोजनावकाश के बाद महिलाओं के उत्पीड़न के मुद्दे पर चर्चा शुरु अवश्य हुई थी लेकिन यह पूरी नहीं हो पायी.