ग्वालियर : ग्वालियर के प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल में बिहार के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह के 13 वर्षीय पुत्र आदर्श कुमार सिंह के साथ रैगिंग के मामले में पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने स्कूल के तीन वरिष्ठ छात्रों और दो कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. उल्लेखनीय है कि रैगिंग के बाद आदर्श ने आत्महत्या का प्रयास किया जिसके बाद से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने बताया कि इस मामले में स्कूल में 12वीं कक्षा के तीन छात्रों और हाउस मास्टर परमप्रीत सिंह तथा रेजीडेंट टीचर अर्पण सोनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है. दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन ने आज मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए इन आरोपों को गलत बताया कि उन्होंने ने इस मामले को छिपाने या दबाने का प्रयास किया था. स्कूल के प्राचार्य शमिक घोष ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमारी प्राथमिकता छात्र आदर्श का स्वास्थ्य था और इसी दृष्टि से काम किया गया. उन्होंने बताया कि इस मामले में रैगिंग कर आदर्श को प्रताडित करने के आरोप में तीनों वरिष्ठ छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है जबकि हाउस मास्टर एवं सहायक हाउस मास्टर को ड्यूटी से हटा दिया गया है.
एक प्रश्न के उत्तर में प्राचार्य ने उक्त तीनों छात्रों के नाम बताने से इंकार कर दिया लेकिन पुलिस के अनुसार इनमें एक जज का पुत्र, एक भाजपा सांसद का नाती और एक स्थानीय बडे कारोबारी का पुत्र है. स्कूल प्रबंधन द्वारा यह पत्रकार वार्ता नगर के एक बडे होटल में रखी गई थी। पत्रकार वार्ता के दौरान स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया तथा पालक शिक्षक संघ के लोगों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा इस घटना की जांच सीबीआई से कराने, स्कूल का मान्यता समाप्त करने और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम किये जाने की मांग की.
ये लोग पत्रकार वार्ता समाप्त होने के बाद प्राचार्य की गाडी को रोकने का प्रयास करते हुए उसके आगे लेट गये लेकिन होटल के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हटाकर किसी प्रकार प्राचार्य की गाडी को निकाला. उल्लेखनीय है कि आदर्श गत 20 अगस्त को अपने कमरे के बाहर अर्धबेहोशी की हालत में मिला था. उसके गले में चादर बंधी थी. उसे नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद गंभीर स्थिति में नई दिल्ली के अपोलो अस्पातल में भर्ती कराया गया था. जिला कलेक्टर पी नरहरि ने यह मामला सामने आने के बाद अनुविभागीय दंडाधिकारी सक्सेना के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय दल का गठन किया था. इस दल ने अपनी जांच रिपोर्ट में तीन वरिष्ठ छात्रों के आदर्श से रैगिंग करने की पुष्टि की थी.