नई दिल्ली:पूर्वोत्तर की एक लड़की से शादी के झूठे वादे पर कथित रुप से बलात्कार करने के आरोपी को अदालत ने बरी कर दिया है. पीड़ित लडकी ने अपने बयान से मुकरते हुए कहा कि आरोपी ने उसके साथ शारिरिक संबंध नहीं बनाये.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 बलात्कार और धारा 506 डराना-धमकाना के तहत आरोपित पश्चिम दिल्ली निवासी कुणाल तिवारी को बरी कर दिया.
न्यायाधीश ने कहा कि वादी ने अपने बयान में इनकार किया है कि आरोपी ने कभी उसका बलात्कार किया है. उसने कहा है कि उसके बयान में लगाए गए आरोप झूठे हैं और शादी करने के वायदे पर उसका कभी बलात्कार नहीं किया गया है. इस तरह अभियोजन पक्ष आरोपित के खिलाफ मामला साबित करने में नाकाम रहा.
अभियोजक के अनुसार 2012 में जन्मदिन की पार्टी में लडकी की मुलाकात कुणाल से हुई थी. वहां उनके बीच दोस्ती हो गई. अभियोजक के अनुसार जब भी वे मिलते, कुणाल उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करता, लेकिन लडकी यह कहते हुए मना कर देती कि उसे पहले उससे शादी करनी चाहिए.
अभियोजक का दावा था कि बाद में शादी का वादा कर कुणाल ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके साथ शारीरिक संबंध बना लिए थे. अभियोजक ने कहा कि दिसंबर, 2013 में आरोपी लडकी के घर आया और उसका बलात्कार किया. इसके बाद जब वह बाथरुम में गया तो लडकी ने दरवाजा बाहर से बंद करके पुलिस को बुला लिया था.
लेकिन बाद में अदालत में लडकी ने अपना बयान बदल दिया और कहा कि कुणाल ने उसका बलात्कार नहीं किया था. उसका कहना था कि पुलिस ने सादे कागजों पर उसके हस्ताक्षर लिये थे और बाद में ये आरोप लगा दिये थे.