नयी दिल्ली : मनी लांड्रिंग निरोधक कानून से संबद्ध विशेष अदालत ने हरियाणा और पंजाब में चल रहीं तथा लोगों के साथ कथित धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कंपनियों के मालिकों के बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश दिया है. इन खातों में 1.63 करोड़ रुपये की राशि जमा है.
यह उन कुछ मामलों में से एक है जहां चिटफंड कंपनियों की अवैध कमाई पर आपराधिक कानून के प्रवाधानों के तहत कुर्की कर रोक लगाई गई है.
अदालत ने बेंगलूर और अंबाला के नौ बैंक खातों में जमा 1,63,3,509.59 रुपये की इस राशि को अपराध की कार्यवाही और धन शोधन में सम्मिलित करार दिया है और इस राशि को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए कुर्क कर लिया.
मामला 2011 का है जब हरियाणा और पंजाब पुलिस ने पानीपत, गुरदासपुर और पठानकोट में कई मालिकों और निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी तथा फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया था.
यह मामला यूनीपेय 2 यू मार्के टिंग प्राइवेट लिमिटेड, यूनीगेटवे 2 यू ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड और मलेशिया आधारित प्रधान कंपनी बेस्ट जीनियस एसडीएन बीएचडी के नाम से लाखों निवेशकों को ठगे जाने से संबंधित है.
प्रवर्तन निदेशालय ने बड़े पैमाने पर धन शोधन और काले धन की आशंका से 2012 में मामला अपने हाथ में लिया तथा मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत वाद दर्ज किया.