नयी दिल्ली: पीडब्लूडी के एक कर्मचारी के खिलाफ करीब 24 साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा उसे दी गई तीन साल जेल की सजा को बरकरार रखा है.
कर्मचारी पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तीन अन्य कर्मचारियों के नाम से 21 हजार रपये से अधिक के चेक भुनाने का आरोप है. सितंबर 1988 में दिल्ली सरकार के पीडब्लूडी कैशियर के रुप में काम करने वाले वेद प्रकाश की निचली अदालत के नवंबर 1999 में दिये गये फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज करते हुये न्यायमूर्ति पी भसीन ने कहा, ‘‘यह अपील बिना किसी गुण दोष के है और निचली अदालत के फैसले में किसी भी कारण से दोष नहीं निकाला जा सकता है. इसलिये अपील खारिज की जाती है.’’