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हत्‍या के डर से राहुल ने नहीं बनने दिया सोनिया को प्रधानमंत्री:नटवर

नटवर सिंह का दावा राजनीति से प्रेरित:कांग्रेस नयी दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह ने दावा किया कि 2004 में सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी के कडे एतराज के बाद प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया. राहुल ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनको डर था कि अगर वह पद स्वीकार लेती हैं […]

नटवर सिंह का दावा राजनीति से प्रेरित:कांग्रेस

नयी दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह ने दावा किया कि 2004 में सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी के कडे एतराज के बाद प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया. राहुल ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनको डर था कि अगर वह पद स्वीकार लेती हैं तो उनके पिता और दादी की तरह उनकी भी हत्या कर दी जाएगी.

एक समय गांधी परिवार के दोस्त माने जाने वाले सिंह (83) ने 2008 में कांग्रेस छोड दी थी. इराक के अनाज के बदले तेल घोटाले की पृष्ठभूमि में 2005 में संप्रग 1 से उन्होंने इस्तीफा दिया था. उन्होंने दावा किया है कि अंतरात्मा की आवाज के कारण सोनिया ने इससे मना नहीं किया बल्कि एक समय वह प्रधानमंत्री पद संभालने के बारे में कह चुकी थीं.

‘हेडलाइंस टुडे’ पर करण थापर को एक साक्षात्कार में सिंह ने दावा किया कि अपनी आत्मकथा में वह इस खास घटनाक्रम का उल्लेख नहीं करें, यह आग्रह करने कांग्रेस अध्यक्ष अपनी बेटी प्रियंका गांधी के साथ 7 मई को उनके आवास पर आयीं थी लेकिन उन्होंने तथ्य का खुलासा करने का फैसला किया क्योंकि वे सच बताना चाहते थे.

‘वन लाइफ इज नॉट इनफ : एन आटोबायोग्राफी’ शीर्षक वाली किताब जल्द ही बाजार में आने वाली है.नटवर सिंह ने कहा, ‘‘राहुल अपनी मां के प्रधानमंत्री बनने के पूरी तरह खिलाफ थे. उन्होंने कहा कि उनके पिता और दादी की तरह उनकी हत्या कर दी जाएगी और एक पुत्र होने के नाते वह उन्हें प्रधानमंत्री बनने नहीं देंगे. वह दृढता से अडे हुए थे.’’ उन्होंने 18 मई 2004 को हुयी एक बैठक का जिक्र करते हुए इस घटना का उल्लेख किया जिसमें मनमोहन सिंह, गांधी परिवार के दोस्त सुमन दुबे, प्रियंका और वह मौजूद थे. बाद में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने.

उन्होंने कहा कि राहुल के एतराज के बारे में प्रियंका ने उन लोगों को वाकिफ कराया. उन्होंने कहा, ‘एक बेटे के तौर पर राहुल को पूरे अंक जाते हैं.’ राहुल उस समय 34 साल के थे.सिंह ने दावा किया कि सोनिया ने 7 मई को उनसे उस बात के लिए ‘सॉरी’ भी कहा जब उन्होंने बताया कि संप्रग सरकार ने उन्हें किस तरह प्रताडित किया था और उनके :सोनिया के: इस दावे को मानने से इंकार कर दिया कि वह इस बात से वाकिफ नहीं थीं.

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि मुङो नहीं पता था :जैसा उनके साथ सलूक हुआ:. मैंने कहा कि कोई भी इस पर विश्वास नहीं करेगा क्योंकि कांग्रेस में आपकी जानकारी के बिना, आपकी मंजूरी के बिना कुछ भी नहीं होता. सरकार के साथ भी यही बात थी. उन्होंने कहा, ‘‘मुङो खेद है.’’ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारु के उस दावे का समर्थन किया कि पीएमओ में रहे पुलक चटर्जी अहम सरकारी फाइल सोनिया के पास ले जाते थे. उन्होंने कहा कि इस पर विरोध का कोई सवाल ही नहीं था क्योंकि वह सर्वोच्च नेता थीं.

नटवर सिंह ने यह भी खुलासा किया कि 1991 में प्रधानमंत्री के तौर पर सोनिया की पहली पसंद तत्कालीन उपराष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा थे लेकिन बाद में राष्ट्रपति बनने वाले शर्मा ने अपने खराब स्वास्थ्य के कारण इस पेशकश को ठुकरा दिया था.उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने पीवी नरसिंह राव का चुनाव किया जिनके साथ उनके कभी गर्मजोशी भरे संबंध नहीं रहे.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में चेन्नई के निकट श्रीपेरुमदूर में लिट्टे के आत्मघाती बम हमले में हत्या कर दी गयी थी. उनकी मां, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में उनके आवास पर सिख सुरक्षा गाडरें ने हत्या कर दी थी.यह पूछे जाने पर कि वर्ष 2004 में भाजपा नेतृत्व वाले राजग को हराकर कांग्रेस की अगुवाई वाले संप्रग के सत्ता में आने के बाद यह पूरी तरह सोनिया पर छोड दिया जाता तो क्या वह प्रधानमंत्री पद स्वीकार कर लेतीं, सिंह ने कहा, ‘‘इसका जवाब देना कठिन है.’’ गांधी परिवार द्वारा उनके साथ के बर्ताव को लेकर कडवाहट और प्रतिशोध के आरोपों को खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने सार्वजनिक रुप से सोनिया के खिलाफ कभी एक शब्द नहीं कहा लेकिन तथ्य बताना महत्वपूर्ण है. सिंह का एक बेटा राजस्थान से भाजपा का विधायक है.

उन्होंने कहा, ‘‘वह एक सार्वजनिक शख्सियत हैं. वह भारत की सबसे महत्वपूर्ण नेता हैं, वह हरेक जीवनी लेखक का ख्वाब हैं. वह एक ऐतिहासिक शख्सियत हैं.’’ उन्होंने कहा कि ऐसी हस्तियों की कोई ‘‘निजता’’ नहीं होती.यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नहीं बनने को लेकर राहुल के एतराज का दावा अगर मनमोहन सिंह और दुबे खारिज कर देते हैं तो, नटवर सिंह ने कहा, ‘‘निश्चित ही वे ऐसा करेंगे. मुङो पता है वे ऐसा करेंगे.’’ उन्होंने जोडा कि वे ऐसा कहते और इसपर टिके रहते अगर सोनिया और प्रियंका मेरे पास नहीं आयी होतीं. वे मेरे साथ कॉफी पीने के लिए नहीं आतीं. वे मेरे साथ भोजन के लिए नहीं आतीं.

उन्होंने नेता के तौर पर सोनिया को राजीव से ज्यादा अहमियत देते हुए कहा कि वह उनकी तुलना में ज्यादा मजबूत हैं. उन्होंने कहा ‘‘वह बडे दिलवाले थे. आप इनसे (सोनिया से) छूट नहीं ले सकते.’’

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