नयी दिल्ली:संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा से सी-सैट को वापस लिये जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को सड़क से लेकर संसद तक जम कर बवाल हुआ. संसद में जहां विपक्षी सांसदों ने इस मामले में सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं छात्र सड़कों पर उतर आये.
सरकार की ओर से इस मसले पर राज्यसभा में बयान देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमें छात्रों से हमदर्दी है और भाषा के नाम पर किसी भी तरह का पक्षपात नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि कमेटी को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है और उसके बाद पैटर्न पर फैसला हो जायेगा. जितेंद्र सिंह ने आश्वस्त किया ऐडमिट कार्ड जारी होना यूपीएससी के कैलेंडर के मुताबिक है और छात्रों को इससे चिंतित होने की जरूरत नहीं है. छात्रों के हंगामे के बाद शुक्र वार की सुबह जितेंद्र सिंह प्रधानमंत्री से मिले और उन्होंने छात्रों से संयम रखने की अपील की.
संसद घेरने जा रहे छात्रों की पिटाई
इससे पहले संसद का घेराव करने जा रहे छात्रों में से करीब 100 को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. मेट्रो के दो स्टेशनों केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन बंद कर दिये गये हैं. दिल्ली पुलिस की कोशिश है कि किसी भी तरह छात्रों को संसद भवन न पहुंचने दिया जाये. प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लेकर उनकी पिटाई की तसवीरों से नया विवाद खड़ा हो गया है. टीवी फुटेज में एडिशनल सीपी एसबीएस त्यागी खुद छात्रों के साथ जबरदस्ती करते हुए नजर आ रहे हैं.
विरोध क्यों
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट को वापस लिये जाने और प्रश्नों के हिंदी में घटिया अनुवाद के विरोध में गुरुवार को छात्र सड़कों पर उतर आये. दरअसल, छात्र इस बात से उत्तेजित थे कि केंद्र सरकार के आश्वासन के बावजूद संघ लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा के प्रवेश पत्र जारी करने शुरू कर दिये हैं. 24 अगस्त को प्रारंभिक परीक्षा है और छात्रों का कहना है कि सरकार ने उनसे वादा किया था कि जब तक सी-सैट का मुद्दा नहीं सुलझ जाता है, तब तक परीक्षा नहीं ली जायेगी.
लोस में विपक्ष का हंगामा
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर राजद सांसद पप्पू यादव, जयप्रकाश नारायण यादव, एसपी के धर्मेद्र यादव, अक्षय यादव, जदयू के कौशलेंद्र कुमार यूपीएससी परीक्षा में शामिल होनेवाले आंदोलनकारी छात्रों पर पुलिस के बल प्रयोग का मुद्दा उठाते हुए अध्यक्ष की सीट के पास आ गये. सदस्यों ने आरोप लगाया कि आंदोलन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया और छात्रओं के साथ छेड़छाड़ भी हुई. अध्यक्ष ने हालांकि सदस्यों को अपने स्थान पर जाने और शून्यकाल में इस विषय को उठाने कहा. सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि भारतीय भाषाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और इन्हें उचित स्थान दिया जाना चाहिए. इस पर अध्यक्ष ने कहा कि इस विषय पर मंत्री ने बयान दिया है और इस विषय को शून्यकाल में उठायें. सभी लोगों को भारतीय भाषाओं से प्रेम है.
रास में नहीं हुआ
प्रश्नकाल विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. इस वजह से सदन में प्रश्नकाल नहीं हो सका. सुबह राज्यसभा की बैठक शुरू होने के बाद विपक्षी दलों के सदस्यों ने यूपीएससी परीक्षा को लेकर छात्रों के आंदोलन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री के बयान की मांग की. जदयू के शरद यादव, समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल सहित कई अन्य सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया. सभापति ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि इस मामले पर संबंधित मंत्री 12 बजे सदन में आयेंगे और सदस्यों को प्रश्नकाल चलने देना चाहिए. लेकिन, हंगामा कर रहे सदस्य शांत नहीं हुए और समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य आसन के समीप आ गये.
हंगामा थमता नहीं देख सभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी. शरद यादव ने विभिन्न आंकड़ों के हवाले से बताया कि सिविल सेवा परीक्षाओं में तमिल सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं के माध्यम से परीक्षा देनेवाले सफल अभ्यार्थियों की संख्या घटती जा रही है, जबकि इसके विपरीत अंग्रेजी माध्यम के सफल छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है. उन्होंने सरकार से मांग की कि यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा के लिए जारी किए जा रहे प्रवेश पत्रों पर तुरंत रोक लगायी जाये.