नयी दिल्ली:मलयेशियन एयरलाइंस के यात्री जेट विमान को मिसाइल से मार गिराये जाने की घटना को लेकर दुनिया भर में गुस्सा है. घटना में विमान पर सवार सभी 298 लोग मारे गये हैं. घटना के पीछे रूस समर्थक यूक्रेन बागियों का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है. घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित विश्व के विभिन्न देशों के नेताओं ने इस घटना की बिना रोक-टोक अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है, जिससे दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख प्रकट किया है.
पूर्वी यूक्रेन में सूरजमुखी के खेतों के बीच राहतकर्मियों व पुलिस अधिकारियों का तलाशी अभियान दिन भर चलता रहा. यह क्षेत्र रूस समर्थक बागियों के कब्जेवाला माना जाता है. समाचार लिखे जाने तक राहतकर्मियों को 181 शव मिल गये थे. मृतकों में सबसे ज्यादा 173 लोग नीदरलैंड के हैं. मारे गये 100 लोग एड्स क्षेत्र के विश्व प्रसिद्ध शोधकर्ता व कार्यकर्ता हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में रविवार से शुरू होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय एड्स सम्मेलन में भाग लेने जा रहे थे. मृतकों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ब्रिटेन निवासी ग्लेन थॉमस (49) और इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष जोइप लैंग शामिल हैं. मारे गये 15 सदस्यीय मलयेशियाई चालक दल के सदस्यों में दो सदस्य (संजीद सिंह संधू व राजेंद्रन) भारतीय मूल के थे. 18 यात्रियों की राष्ट्रीयता की पुष्टि नहीं हो पायी है.
यूक्रेन-रूस के बीच आरोप-प्रत्यारोप
यूक्रेन ने इसे आतंकवाद की कार्रवाई बताते हुए इसका दोष रूस पर मढ़ा है. यूक्रेन का कहना है कि रूस बागियों की आधुनिक हथियारों के जरिये मदद कर रहा है. यूक्रेन के प्रधानमंत्री आर्सेनीय यात्सेनयुक ने कहा कि रूस ने यह काम किया है. हेग में अंतररराष्ट्रीय न्यायाधिकरण को इस अपराध की जांच करनी चाहिए. हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर इस विमान को गिराये जाने का दोष मढ़ते हुए कहा है कि वह पूर्वी क्षेत्र में अशांति के लिए जिम्मेदार है.
मलयेशिया-44
ऑस्ट्रेलिया-28
इंडोनेशिया-12
ब्रिटेन-09
जर्मनी-04
बेल्जियम- 04
फिलीपींस- 03
कनाडा-01
न्यूजीलैंड- 01
न्यूजीलैंड- 01
हांगकांग- 01