नयी दिल्ली:दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कहा कि गोद लेने के नाम पर बच्चे बेचना गैरकानूनी है. अदालत ने कहा कि बच्चा बेचने को भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंडनीय अपराध बनाया जाना चाहिए. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा कि बच्चे, नवजात शिशु गोद लेने के नाम पर बच्चा बाजार में आलू, टमाटर और प्याज की तरह बेचे जाते हैं. अदालत ने कहा कि गोद लेने के नाम पर बच्चों को गैरकानूनी तरीके से बेचनेवाला बड़ा गिरोह कई राज्यों में सक्रिय है.
उन्होंने कहा कि कई देशों में बच्चा खरीदना और बेचना अपराध है और यह गोद लेने संबंधी धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है. अदालत ने विधि आयोग की 21 साल पुरानी उन सिफारिशों का समर्थन किया जिसमें महिला या बच्चे को बेचने को दंडनीय अपराध बनाते हुए सात साल के कारावास की सजा की बात कही गयी थी. अदालत ने एक ऐसे मामले में आदेश सुनाया जहां एक महीने की बच्ची को उसकी मां लावारिश छोड़ गयी और अस्पताल की एक दाई इस बच्ची को एक लाख रुपये में बेचने की तैयारी में थी, लेकिन पुलिस ने जाल बिछा कर तीन आरेापियों को गिरफ्तार किया था. अदालत ने किशोर न्याय अधिनियम के तहत तीनों दोषियों को तीन-तीन महीने की जेल की सजा सुनायी.