अरविंद केजरीवाल ने पाकिस्तान से रिश्तों पर पूछे मोदी से तीन सवाल

नयी दिल्लीः आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के उनके पुराने वादे की याद दिलायी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि वह रामलीला मैदान में आयोजित रैली में इस वादे के अधूरे रहने की वजह दिल्ली वालों को बतायेंगे. केजरीवाल ने मोदी से दिल्ली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 8, 2019 3:09 PM

नयी दिल्लीः आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के उनके पुराने वादे की याद दिलायी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि वह रामलीला मैदान में आयोजित रैली में इस वादे के अधूरे रहने की वजह दिल्ली वालों को बतायेंगे. केजरीवाल ने मोदी से दिल्ली में सीलिंग, पूर्ण राज्य का दर्जा और पाकिस्तान के साथ उनके रिश्तों को लेकर तीन सवाल पूछा. अनुरोध किया कि रामलीला मैदान में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री इन सवालों के जवाब दें.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी की दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में बुधवार शाम को जनसभा आयोजित की गयी है. केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की आज दिल्ली में रैली है. हमारा उनसे निवेदन है कि इस रैली में मोदी जी हमारे तीन सवालों का दिल्ली की जनता को जवाब जरूर देंगे. उन्होंने कहा कि पहला सवाल यह है कि दिल्ली में इतने लंबे समय से सीलिंग क्यों करायी जा रही है, जिसके कारण दिल्ली का उद्योग जगत तबाह हो गया.

दूसरा सवाल पूर्ण राज्य को लेकर है, जिसके लिये मोदी ने 2014 में रामलीला मैदान में ही वादा किया था कि केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा. कहा कि दिल्ली की जनता ने भाजपा को सातों सीट जिता दीं लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला. मोदी जी अब दिल्ली की जनता को इसकी वजह तो बता दें. केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से तीसरा सवाल पाकिस्तान के साथ उनके रिश्तों को लेकर पूछा. कहा कि पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार भारत में किसी व्यक्ति विशेष के प्रधानमंत्री चुने जाने की जरूरत पर बल दिया है.

केजरीवाल ने कहा कि मोदी को यह बताना चाहिये कि पाकिस्तान के साथ उनके क्या रिश्ते हैं? गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत में लोकसभा चुनाव के बाद दोबारा मोदी सरकार के गठन की जरूरत पर बल दिया था. कहा था कि ऐसा होने पर भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया बहाल हो सकेगी.

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