नयी दिल्ली: संप्रग सरकार के फैसले की समीक्षा करते हुए केंद्र ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद को यहां तुगलक रोड स्थित अपना बंगला अक्तूबर तक रखने की इजाजत दी है जबकि बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह को लुटियंस जोन में तीनमूर्ति मार्ग स्थित अपने आवास को फौरन खाली करने को कहा गया है.
शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक हालांकि संप्रग के दिवंगत मंत्री शीश राम ओला के परिजनों को फरवरी 2015 तक बंगला रखने की इजाजत दी गई है. वर्ष 2004 से तुगलक रोड़ बंगला में रह रहे लालू को चारा घोटाले में दोषी ठहराये जाने और संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था.
अपनी लोकसभा सीट गंवाने के अलावा लालू की राजद पार्टी भी राष्ट्रीय दल नहीं रहा. एक राष्ट्रीय पार्टी का प्रमुख राजधानी में उपयुक्त आवास का दावा कर सकता है. बंगला खाली करने का नोटिस मिलने के बाद लालू ने तत्कालीन शहरी विकास मंत्री कमल नाथ को पत्र लिखकर अपनी पत्नी राबडी देवी की बीमारी को लेकर यहां लगातार एम्स जाने का हवाला देते हुए बंगला में ठहरने की अवधि में विस्तार करने को कहा. लोकसभा चुनाव से पहले संप्रग सरकार ने राजद प्रमुख को अपने तुगलक रोड बंगले में और एक साल रहने की इजाजत दी थी.
अधिकारी ने बताया कि राजग सरकार ने नाथ के लिए फैसलों की समीक्षा की. नयी सरकार ने फैसला किया है कि लालू को इस साल अक्तूबर तक बंगला खाली करना होगा. मंत्रालय ने बूटा सिंह को तीन मूर्ति मार्ग बंगला यथाशीघ्र खाली करने को कहा है. बूटा सिंह का मामला डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट की निष्कासन शाखा को सौंप दिया गया है और खाली कराने की प्रक्रिया शुरु की जा रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि वह सुरक्षा खतरों को लेकर बंगले में रह रहे हैं.
नरेन्द्र मोदी सरकार की कैबिनेट के 29 मंत्रियों को आवास आवंटित किए गए हैं लेकिन उनमें से कई अपने नये आवास में जा पाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि ये बंगले पहले से रह रहे नेताओं द्वारा खाली किए जाने बाकी हैं.