नयी दिल्लीः मोदी सरकार का इन दिनों यूपीए सरकार में नियुक्त राज्यपालों को हटाने का सिलसिला जारी है. इसी मुहिम के तहत रविवार तो सरकार के द्वारा गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल का तबादला कर दिया गया. उन्हें बाकी कार्यकाल के लिए मिजोरम भेजा गया है.
इधर राज्यपाल कमला बेनीवाल का मिजोरम तबादला किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कांग्रेस ने कहा कि यह राजनीतिक तबादला है और भाजपा द्वारा लोकतंत्र को नुकसान करने की एक कार्रवाई है.
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) अध्यक्ष अर्जुन मोधवाडिया ने बताया यह एक राजनीतिक तबादला है. इससे पहले उन्हें त्यागपत्र देने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था. एक राज्यपाल को सरकार की दया पर निर्भर नहीं करना चाहिए या सरकार बदलने पर उनका तबादला नहीं किया जा सकता है. कमला बेनीवाल (87) ने 27 नवंबर 2009 को गुजरात के राज्यपाल के रुप में कार्यभार संभाला था.
बेनीवाल के नरेन्द्र मोदी से उस समय बहुत मधुर संबन्ध नहीं थे जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे.87 वर्षीय बेनीवाल का कार्यकाल इस साल नवम्बर में समाप्त होगा. वह मिजोरम में वक्कोम पुरुषोत्तमन का स्थान लेंगी. गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति और कुछ विधेयकों को लेकर मोदी सरकार से उनके काफी समय तक खींचतान चलती रही.
राजस्थान की राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को गुजरात का अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है. वह एक माह में सेवानिवृत्त हो रही हैं. राष्ट्रपति भवन द्वारा आज जारी विज्ञप्ति के मुताबिक गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल को स्थानांतरित कर मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
मिजोरम के राज्यपाल वी पुरुषोत्तमन को उनके बाकी कार्यकाल तक के लिए नगालैंड भेजा गया है. इसके अलावा वह त्रिपुरा के राज्यपाल का भी अतिरिक्त दायित्व संभालेंगे. राष्ट्रपति भवन के मुताबिक राजस्थान की राज्यपाल मार्गरेट आल्वा गुजरात के राज्यपाल का कामकाज संभालेंगी जब तक कि गुजरात के राज्यपाल के पद पर नियमित व्यवस्था नहीं हो जाती. पहले ऐसी अटकलें थी कि कल से शुरु हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले कुछ नये राज्यपालों की नियुक्ति होगी.
पिछले महीने सरकार ने कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान नियुक्त हुए कुछ राज्यपालों को पद छोडने का संकेत भेजा था. सरकार के संकेतों के बाद जिन राज्यपालों ने इस्तीफा दिया, उनमें बी एल जोशी (उत्तर प्रदेश) एम के नारायणन (पश्चिम बंगाल) शेखर दत्ता (छत्तीसगढ) अश्वनी कुमार (नगालैंड) और बी वी वांचू (गोवा) शामिल हैं. दो राज्यपाल हंसराज भारद्वाज (कर्नाटक) और देवानंद कुंवर (त्रिपुरा) पिछले महीने के अंत में सेवानिवृत हुए है.