मुस्लिम महिलाओं को भयमुक्त जीवन दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत: कोविंद

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के संदर्भ में सरकार कानून बनाने के लिए प्रयासरत है ताकि मुस्लिम महिलाएं भयमुक्त जीवन जी सकें . उन्होंने संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में सामान्य वर्ग के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 31, 2019 2:03 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के संदर्भ में सरकार कानून बनाने के लिए प्रयासरत है ताकि मुस्लिम महिलाएं भयमुक्त जीवन जी सकें . उन्होंने संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण संबंधी सरकार के कदम को ‘‘ऐतिहासिक” करार देते हुए कहा कि इससे उन गरीब युवक-युवतियों के साथ न्याय हुआ है जो गरीबी के अभिशाप के कारण खुद को वंचित महसूस कर रहे थे.

यहां पढ़ें पूरा भाषण

कोविंद ने कहा, ‘‘हमारी मुस्लिम बेटियों को डर और भय की ज़िन्दगी से मुक्ति दिलाने तथा उन्हें अन्य बेटियों के समान जीवन जीने के अधिकार देने हेतु मेरी सरकार, तीन तलाक से जुड़े कानून को संसद से पारित करवाने का लगातार प्रयास कर रही है.” गौरतलब है कि तीन तलाक विरोधी विधेयक लोकसभा से पारित हो गया है और राज्यसभा की मंजूरी मिलना बाकी है.
राष्ट्रपति ने महिला सुरक्षा से जुड़े सरकार के एक और कदम का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘किसी नाबालिग के साथ बलात्कार करने के जघन्य अपराध की सज़ा के लिए सरकार ने अपराधी को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया है. कई राज्यों में तेजी से सुनवाई के बाद, दोषियों को फांसी की सजा मिलने से, ऐसी विकृत सोच रखने वाले लोगों में कड़ा संदेश गया है.” उन्होंने कहा, ‘‘अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग’ को संवैधानिक दर्जा दिया जाना, सामाजिक न्याय के लिए मेरी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

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