तिरुवनंतपुरम, नयी दिल्ली: राहुल गांधी को ‘‘जोकर’’ कहने के लिए केरल के पूर्व मंत्री टी. एच. मुस्तफा को कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया है. लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के परिप्रेक्ष्य में मुस्तफा ने कहा था कि राहुल अगर पद नहीं छोडते तो उन्हें हटा दिया जाना चाहिए.
मुस्तफा की टिप्पणी से विवाद बढ गया और पार्टी के कुछ नेताओं ने इसकी निंदा की. चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर केपीसीसी की आज समीक्षा बैठक हुई जिसमें पाया गया कि कांग्रेस नेता ने राहुल के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी कर ‘‘गंभीर गलती’’ की है.
केपीसीसी के अध्यक्ष वी. एम. सुधीरन ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्तफा ने प्रथमदृष्ट्या संगठन के अनुशासन एवं शिष्टाचार को भंग किया है और उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है और उनके इस व्यवहार की जांच होगी. उन्होंने कहा कि पार्टी ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर स्पष्ट रुख अपनाया था कि हार के लिए नेताओं को व्यक्तिगत रुप से जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.
के. करुणाकरण मंत्रलय में 1990 के दशक में मंत्री रहे मुस्तफा ने कोच्चि में कल एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रचार के दौरान राहुल अपने नजदीकी लोगों से घिरे रहे. उन्होंने कहा कि चुनावों में ‘‘जोकर की तरह काम करने’’ से कोई फायदा नहीं होने वाला.
मुस्तफा ने कहा था, ‘‘उनहें पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्हें पद पर नहीं बने रहना चाहिए. अगर वह स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें हटा दिया जाना चाहिए. उन्होंने (चुनाव प्रचार के दौरान) जोकर की तरह काम किया..’’ टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डीन कुरियाकोसे ने बैठक में मुद्दे को उठाया और पार्टी से मुस्तफा को निकालने की मांग की.
कांग्रेस और इसके यूडीएफ के सहयोगियों ने केरल में अपेक्षाकृत अच्छा काम किया और राज्य की 20 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी. बहरहाल पार्टी को इडुक्की और चलाक्कुडी जैसे परंपरागत गढ पर एलडीएफ के हाथों हार का सामना करना पडा.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने मुस्तफा के बयान से असहमति जताई.
नागपुर में उन्होंने कहा, ‘‘राहुल के बारे में केरल के वरिष्ठ नेता ने जो कहा उससे मैं सहमत नहीं हूं.’’ पार्टी नेतृत्व में बदलाव के सवाल पर अय्यर ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी. वी. नरसिम्हाराव के प्रधानमंत्री रहते भी चुनावों में खराब प्रदर्शन किया था. लेकिन कभी भी नेतृत्व परिवर्तन का सवाल नहीं उठा.’’ सोनिया और राहुल का समर्थन करते हुए अय्यर ने सवाल किया कि क्या चुनावों में हार का सामना करने वाले सपा, बसपा जैसे दलों ने अपने नेतृत्व में परिवर्तन किया ?
अय्यर ने कहा, ‘‘कांग्रेस में सोनिया गांधी या राहुल गांधी के नेतृत्व परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह, बसपा सुप्रीमो मायावती और अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल की पार्टी का भी खराब प्रदर्शन रहा.’’ उन्होंने पूछा, ‘‘लेकिन क्या इन नेताओं ने पद छोडा या उनको हटाने की कोई मांग है.’’ कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने टिप्पणी की निंदा की और कहा कि निराशा में ऐसी टिप्पणी की गई.
कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता मीम अफजल ने मुस्तफा के बयान से किनारा किया और पार्टी नेताओं से कहा कि मुद्दे को पार्टी के अंदर उठाएं.पूर्व अल्पसंख्यक मंत्री के. रहमान खान ने भी कहा कि मुद्दों को पार्टी फोरम के अंदर उठाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘कौन जिम्मेदार है और क्या हुआ, यह जांच का मामला है. कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने जिम्मेदारी ली है. इसका यह मतलब नहीं कि आप उनकी आलोचना शुरु कर दें. अपने विचार सार्वजनिक करना पार्टी अनुशासन के खिलाफ है.’’