इंफाल : सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम निरस्त करने की मांग को लेकर पिछले 13 सालों से अनिश्चित कालीन भूख हडताल कर रही मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला राज्य की स्थिति के बारे में अवगत कराने और इस अधिनियम को निरस्त कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलना चाहती हैं.
कल दिल्ली रवाना होने से पहले यहां संवाददाताओं से बातचीत में शर्मिला ने कहा मैं प्रधानमंत्री से मिलने की कोशिश करुंगी और 1980 में राज्य में इस अधिनियम के लागू होने के बाद से लोगों के समक्ष आ रही समस्याओं को उजागर करुंगी. मणिपुर की 42 वर्षीय लौह महिला ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से इस अधिनियम को निरस्त करने का अनुरोध भी करेंगी.
जंतर मंतर पर 2006 में एक भूख हडताल करने के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा समन जारी किये जाने के बाद शर्मिला राष्ट्रीय राजधानी रवाना हुयी. नवंबर 2000 में इंफाल हवाई अड्डे के निकट असम राइफल के जवानों द्वारा दस नागरिकों की कथित हत्या के बाद, अधिनियम को निरस्त करने की मांग को लेकर शर्मिला ने अनिश्चित कालीन भूख हडताल शुरु की थी.पोरोमपट के सरकारी अस्पताल में राज्य सरकार नाक के जरिए शर्मिला को खाना खिला रही है और इस अस्पताल को उनके लिए जेल में तब्दील कर दिया गया है.