नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने निवर्तमान दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल की ओर से आम आदमी पार्टी की नेता शाजिया इल्मी, पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले में शाजिया के खिलाफ आज जमानती वारंट जारी किया.
अदालत ने पिछले महीने कहा था कि इस मामले में पेश नहीं होने पर उसे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल और अन्य नेता मनीष सिसोदिया, प्रशांत भूषण और शाजिया इल्मी के खिलाफ विवश होकर कदम उठाना पड सकता है.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एमएम) सुनील कुमार शर्मा ने इससे पहले समन किये जाने पर पेश नहीं होने के कारण शाजिया इल्मी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया. मजिस्ट्रेट ने कहा कि शाजिया इल्मी के खिलाफ 5,000 रुपये की राशि पर जमानती वारंट जारी किया जाता है. इस कार्यवाही के दौरान वकील प्रशांत भूषण अदालत में मौजूद थे.अदालत ने हालांकि, सिसौदिया के पिता का 22 मई को निधन हो जाने के कारण उन्हें आज की कार्यवाही से छूट देने का अनुरोध स्वीकार कर लिया और उन पर कोई जुर्माना नहीं लगाया.
बहरहाल, अदालत ने अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश हो रहे पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील शांति भूषण से कहा कि उपयुक्त छूट याचिका दाखिल करने और सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त को उनकी पेशी सुनिश्चित की जाये.
भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा दाखिल मानहानि के एक अन्य मामले में जमानती बांड नहीं भरने के बाद आप प्रमुख को 6 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और वह तिहाड जेल में बंद हैं. अमित के वकील मोहित माथुर ने आज आरोपियों की याचिकाओं का यह कहते हुए विरोध किया, ‘‘यह आदत बन चुकी है. तीन महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी भी हम उसी अवस्था में हैं. अगर वे छूट चाहते हैं तो कम से कम कानूनी प्रक्रिया तो जारी रहेगी.’’ अदालत ने सभी आरोपियों को सुनवाई की अगली तारीख पर मौजूद रहने का निर्देश दिया.
अदालत ने पिछले साल 24 जुलाई को केजरीवाल, सिसोदिया, प्रशांत और इल्मी को अमित की ओर से दाखिल याचिका पर समन किया था. अमित वकील भी हैं. अमित ने आरोप लगाया था कि आप नेताओं ने कहा है कि अदालती मामले में एक दूरसंचार कंपनी का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्होंने अपने पिता की स्थिति का फायदा उठाया.